आये दिन भारतीय सीमा पर दुश्मनों के हमले हो रहे हैं. भारत अब तक संयम बरतते हुए पाकिस्तान को फौरी तौर पर ही रोक रहा है, लेकिन अमरीकी ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट इससे जुदा है. अमरीका का खुलासा इस बात का है कि भारत भले ही बाहर से युद्ध के लिए तैयार न दिख रहा हो, फिर भी भीतर ही भीतर सीमा पार से हो रहे हमलों के चलते बड़ी कारवाई करने की फिराक में है.
अमरीका का खुलासा
भई, यहाँ से आप अरुण जेटली द्वारा सेना को खुली छूट देने वाले बयान का मतलब अच्छी तरह समझ सकते हैं. हुआ दरअसल ये है कि अमरीकी खुफिया विभाग के प्रमुख ने सीनेट सशस्त्र सेवा समिति को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें भारत की ओर से बड़ी कार्रवाई भी शामिल है.
अमरीकी सुरक्षा सम्बन्धी ख़ुफ़िया ख़ुफ़िया एजेंसी के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल विन्सेंट का कहना है कि पिछले साल हुए कथित तौर पर चरमपंथियों के हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक़ इस साल सम्बन्ध और खराब हो सकते हैं. भारत हमेशा से ये कहता आ रहा है उसके यहाँ होने वाले चरमपंथी हमले पाकिस्तान से होते हैं. नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक डेनियल आर कहते हैं कि नियंत्रण रेखा पर ज़बरदस्त गोलीबारी के साथ तोपखाने और मोर्टार गोले का इस्तेमाल दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध के लिए प्रेरित कर सकता है.
इस रिपोर्ट में इस बात का भी ज़िक्र है कि अगर सीमापार से हमले बंद हों और पठानकोट मसले पर पाकिस्तान कार्रवाई करे तो दोनों देशों के बीच तनाव कम हो सकता है और बातचीत के रास्ते खुल सकते हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल विन्सेंट का कहना है कि भारत कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान को राजनयिक स्तर पर दुनिया में अलग थलग कर सके. साथ ही वह किसी ऐसे विकल्प पर भी विचार कर रहा है, जिससे कथित तौर पर सीमापार से हो रहे आतंक के लिए वह इस्लामाबाद को कीमत चुकाने को मजबूर कर सके. ये दोनों अधिकारी सीनेट खुफिया ग्रुप 2017 और 18 की रिपोर्ट पेश कर रहे थे.
अभी हल ही में पाकिस्तान के खिलाफ सेना ने कारवाई करके उसका वीडियो भी जरी किया है. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी दावा किया, लेकिन उसका वादा झूठा साबित हुआ है.
यानी भारत द्वारा पाकिस्तान पर होने वाले संभावित हमले से दुनिया में हडकंप की स्थिति है. इस रिपोर्ट की कहानी तो यही बयान कर रही है. अब पाकिस्तान चच्चा को संभलकर चलना चाहिए, वरना इस बार तो साथ कोई नहीं देगा.