हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे. बीजेपी अध्यक्ष से मिलने के बाद खट्टर ने कहा कि इस्तीफे का सवाल नहीं, जिसे जो मांगना है मांगता रहे. हमने कानून का पालन किया.
– खट्टर ने साफ कर दिया है कि न तो हरियाणा में कोई प्रशासनिक फेरबदल होगा और न ही मैं इस्तीफा दूंगा.
ये भी पढ़े: #बड़ी खबर: CM योगी आदित्यनाथ ने किया बड़ा ऐलान, अब बिना इंटरव्यू मिलेगी ग्रुप B, C, D में नौकरी
बीते हफ्ते हरियाणा-दिल्ली में डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत को सीबीआई कोर्ट द्वारा बलात्कार का दोषी करार देने के बाद फैली हिंसा के बाद पीएम मोदी ने सख़्त रुख अपनाया है.
इक्नॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राम रहीम को दोषी करार देने के बाद राज्य में भड़की हिंसा को न रोक पाने के लिए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के कामकाज पर अब खुद प्रधानमंत्री कार्यालय कड़ी निगाह रख रहा है.
इक्नॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मामले से संबंधित सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
सूत्रों की मानें तो हिंसा के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर से पीएमओ से बातचीत के दौरान सरकार की दलीलें आश्वस्त नहीं कर पाईं और इसके बाद पीएमओ ने खट्टर सरकार के कामकाज की निगरानी रखने की ज़रुरत समझी है.
इस बातचीत में भी खट्टर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे और मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘विभिन्न एजेंसियों के इंटेलिजेंस इनपुट्स राज्य की पुलिस के पास थे, लेकिन ऐसा लगा कि वह उन बातों को गंभीरता से नहीं ले रहे थे.’
ये भी पढ़े: 10 महीनों से गहरी नींद में सो रहा है बॉलीवुड का ये बादशाह
इससे पहले भी राज्य सरकार तीन बार प्रदर्शनों को संभालने में नाकाम रही है जिसके बाद खट्टर प्रशासन पर अधिकारियों को संदेह है.
2014 में रामपाल के समर्थकों द्वारा किया गया उत्पात जिसमें 6 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद 2015 में हरियाणा में जाट आंदोलन में 30 लोग मारे गए थे और अब डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों ने एक बार फिर कानून व्यवस्था की कलई खोल दी.
इस बार तमाम इनपुट्स और अंदेशों को नज़रअंदाज करते हुए प्रशासन समर्थकों को इकट्ठा होने से नहीं रोक पाया. धारा 144 का पालन नहीं किया गया. हालात यहां तक बिगड़े की हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट के दखल के बाद सरकार की सुस्ती टूटी थी.