अमेरिका के रक्षा मंत्री के तौर पर नामित किए गए लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि भारत विरोधी आतंकवादी समूहों के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई ‘अधूरी’ है और वो पाकिस्तान पर उन्हें आश्रय देने से रोकने के लिए दबाव डालेंगे। सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सवालों के लिखित जवाब में उन्होंने कहा, ‘अगर मैं रक्षा मंत्री बनता हूं , तो मैं पाकिस्तान पर उसके क्षेत्र को आतंकवादियों और हिंसक चरमपंथी संगठनों के लिए आश्रय देने से रोकने के लिए दबाव डालूंगा।’
ऑस्टिन को रक्षा मंत्री बनने के लिए अमेरिकी सीनेट की मंजूरी की आवश्यकता है। इस सप्ताह की शुरुआत में इसकी सुनवाई से पहले समिति की ओर से सवालों के उन्होंने लिखित जवाब दिए थे। गुरुवार को सीनेट और प्रतिनिधि सभा ने उन्हें अमेरिकी कानून से छूट देने के लिए मतदान किया, जो सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद सात साल तक रक्षा मंत्री बनने से रोकता है। ऑस्टिन 2016 में सेवानिवृत्त हुए थे।
अमेरिका ने 2018 में पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में असहयोग का आरोप लगाते हुए सभी आर्थिक एवं सैन्य मदद पर रोक लगा दी थी। इसे लेकर समिति द्वारा पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश -ए-मुहम्मद (JeM) जैसे भारतीय विरोधी आतंकी समूहों के खिलाफ भी कदम उठाए हैं, लेकिन ये काफी नहीं है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहायता पर रोक के अलावा कई कारक पाकिस्तान के सहयोग को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें अफगानिस्तान वार्ता और पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद तनाव शामिल है। गौरतलब है कि फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव काफी बढ़ गया था। जैश ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 40 भरतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में आतंकी के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी।
समिति ने इसके बाद सवाल किया कि ‘आतंकवादियों और हिंसक चरमपंथी संगठनों’ को आश्रय देने से पाकिस्तान को रोकन के लिए अमेरिका के क्या विकल्प है? उन्होंने कहा कि वह देश पर दबाल डालेंगे, लेकिन ध्यान देना होगा कि पाकिस्तान एक संप्रभु राष्ट्र है। पाकिस्तान की सेना के साथ संबंध बनाना अमेरिका और पाकिस्तान को प्रमुख मुद्दों पर सहयोग करने के लिए खुलापन प्रदान करेगा।