अमेरिका ने लाल सागर में 12 हूती हमलावर ड्रोन और 5 मिसाइलों को मार गिराया है। अमेरिका का दावा है कि ड्रोन ईरान समर्थित हूती की तरफ से लॉन्च किए गए थे। यूएस सेंट्रल कमांड ने कहा कि लाल सागर क्षेत्र में जहाजों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
ड्रोन के अलावा बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों पर भी निशाना
यूएस सेंटकॉम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, दक्षिण लाल सागर में अमेरिका की कार्रवाई में एकतरफा हमले वाले 12 ड्रोन, तीन जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलों और जमीन से हमला करने वाली दो क्रूज मिसाइलों को मार गिराया गया। कार्रवाई में आइजनहावर कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के यूएसएस लैबून (डीडीजी 58) और एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट शामिल रहे।
10 घंटे तक हुई गोलीबारी; अमेरिका का जवाबी मुंहतोड़ हमला
रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी लाल सागर में हूती की तरफ से 26 दिसंबर को सुबह लगभग 6:30 बजे (यमन के स्थानीय समयानुसार) हमले शुरू हुए। 10 घंटे तक गोलीबारी जारी रही। इसके बाद अमेरिका की तरफ से जवाबी कार्रवाई की गई। हूती हमलावर ड्रोन पर सटीक निशाना साधा गया। जहाजों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
भारतीय वायुसेना के हवाई यातायात नियंत्रण की भूमिका
अमेरिका का बयान इस्राइली सेना के बाद आया है। इस्राइल डिफेंस फोर्सेज के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बताया था कि इस्राइल की वायसेना ने उनकी तरफ बढ़ रहे ‘शत्रुतापूर्ण एरियल टारगेट’ को मार गिराया। एरियल टारगेट की पहचान भारतीय वायुसेना के हवाई यातायात नियंत्रण की तरफ से की गई। ईरान समर्थित हूती ने गाजा के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इलियट में ड्रोन फायरिंग का दावा किया था।
ईरान के समर्थन से आतंकी हमला
आईडीएफ प्रवक्ता डैनियल हगारी ने हूती के हमले को ‘आतंकवादी कृत्य’ करार दिया। सेना की तरफ से मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप तट पर अवरोधन का फुटेज भी जारी किया। टाइम्स ऑफ इस्राइल की खबर के अनुसार, मिस्र के समुद्र तटीय शहर- दहाब से लगभग दो किलोमीटर दूर धमाकों की आवाज़ सुनी गई। यह जगह इलियट से लगभग 125 किलोमीटर दक्षिण में है।