विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को आयोजित ग्लोबल टेक्नोलोजी समिट में कहा कि भारत अमेरिका के साथ कारोबारी समझौता करने को बहुत ही प्राथमिकता पर ले रहा है। हमें यहां अवसर दिख रहा है। हमारी कारोबारी वार्ताकारों की टीम भी पूरी तरह से तैयार है। पहले हम पर यह आरोप लगाया जाता रहा है कि हम इस तरह की वार्ता को सुस्त कर रहे हैं।
‘भारत, अमेरिका के साथ कारोबारी समझौता करने को बहुत ही प्राथमिकता पर ले रहा है। हमें यहां अवसर दिख रहा है और इसे जल्द से जल्द हासिल करना चाहते हैं। हमारी कारोबारी वार्ताकारों की टीम भी पूरी तरह से तैयार है। पहले हम पर यह आरोप लगाया जाता रहा है कि हम इस तरह की वार्ता को सुस्त कर रहे हैं, लेकिन अब यह दूसरी तरफ से हो रहा है। अभी तक तो हम जो प्रस्ताव रख रहे हैं, उस पर अमेरिका बहुत जल्द जबाव दे रहा है, लेकिन पारस्परिक शुल्क घटनाक्रम के बाद क्या होता है, यह देखना होगा।’ यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को यहां आयोजित ग्लोबल टेक्नोलोजी समिट में पूछे गए एक सवाल पर कही।
कई देशों ने अमेरिका से ट्रेड वार्ता करने की पेशकश की
विदेश मंत्री के उक्त बयान को इस संदर्भ में देखा जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन के अधिकारी अभी अपने सबसे बड़े कारोबारी साझेदार व प्रतिद्वंदी देश चीन के साथ ट्रेड वार को सुलझाने में जुटे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप की सरकार अभी चीन, यूरोपीय संघ, कनाडा और मेक्सिको जैसे बड़े कारोबारी साझेदारों के साथ कारोबारी मसलों की राह निकालने में जुटी है। उधर, कई देशों ने अमेरिका से ट्रेड वार्ता करने की पेशकश की है।
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय कारोबारी समझौते को लेकर हुई वार्ता
माना जा रहा है कि ट्रंप सरकार में एक साथ इतने देशों के साथ ट्रेड समझौते पर वार्ता करने के लिए भी अधिकारी नहीं हैं। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय कारोबारी समझौते (बीटीए) को लेकर अंतिम वार्ता 26-29 मार्च को हुई थी। इसके पहले 4-6 मार्च को वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका गये थे, तब उनकी अमेरिकी वाणिज्य मंत्री होवार्ड लुटनिक और व्यापार प्रतिनिधि जैमिसन ग्रीइर से अलग-अलग बात हुई थी।
गोयल के लौटने के बाद इन दोनों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग पर भी विमर्श हुआ। इन बैठकों में भारत की तरफ से साफ तौर पर यह संकेत दिया गया कि वह बीटीए को शीघ्रता से अमली जामा पहनाने को तैयार है, लेकिन अब सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि ट्रंप प्रशासन कितनी मुस्तैदी दिखाता है।
जयशंकर ने अमेरिकी रुख पर क्यों संदेह जताया?
जयशंकर ने अमेरिकी रुख पर क्यों संदेह जताया, इसके पीछे के कारण भी उनके भाषण व दूसरे सवालों के जवाब में छिपा हुआ है। अमेरिका व भारत के बीच बीटीए को लेकर चल रही वार्ता के बारे में जयशंकर ने कहा ‘राष्ट्रपति ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के एक महीने के भीतर हमने ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर समझौता किया।
ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी हमने चार वर्षों तक इस बारे में (ट्रेड समझौते पर) बात की लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बार हम समझौते को अत्यंत आवश्यक मुद्दे के तौर पर ले रहे हैं। हमारी वाणिज्य से जुड़ी टीम भी पूरी तरह से तैयार है। वे समझौते को लेकर बहुत महत्वाकांक्षी भी हैं।’
राष्ट्रपति ट्रंप के व्यवहार से दुनियाभर में बदलाव
उन्होंने अमेरिका और चीन के बीच खराब हो रहे कारोबारी तनाव के जरिये एक बड़ी अनिश्चितता की तरफ बढ़ने को लेकर चेतावनी दी और कहा, ‘ये सारी गतिविधियां सिर्फ कारोबार के लिए नहीं हैं। अब सब कुछ व्यक्तिगत हो गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया में व्यवहार करने के तरीके में आमूल-चूल बदलाव कर दिया है और इसका असर हर क्षेत्र में दिखाई देगा।’
सनद रहे कि अमेरिका ने पारस्परिक शुल्क के संदर्भ में भारत समेत उन सभी देशों को 90 दिनों के लिए राहत दी है। भारत की कोशिश है कि इन 90 दिनों के भीतर ही बीटीए हो जाए।
जबकि फरवरी में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई मुलाकात के बाद जारी बयान में कहा गया था कि ग्रीष्म काल तक बीटीए के पहले चरण को पूरा किया जाएगा। वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दो दिन पहले ही यह बात कही थी। लेकिन यह तभी होगा जब दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के बीच लगातार बिंदुवार विमर्श हो।
कारोबारी समझौते पर बढ़ी बात
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय कारोबारी समझौते पर बात आगे बढ़ रही है। दोनों पक्षों ने समझौते के पहले चरण के लिए शर्तों को अंतिम रूप दे दिया है। एक भारतीय अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि अगले 90 दिनों में समझौता आकार ले सकता है, जो फायदे वाला हो सकता है।