अमेरिका से रूस तक, मनमोहन सिंह के निधन पर दुनियाभर में शोक

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में शोक की लहर है। मनमोहन सिंह के निधन पर रूस, फ्रांस, मालदीव समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने दुख प्रकट किया है। वहीं दुनियाभर के मीडिया संस्थानों ने भी शोक जताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच आज जैसा रिश्ता है, वह मनमोहन सिंह के विजन के बिना संभव नहीं था। बाइडेन ने मनमोहन सिंह को सच्चा देशभक्त और समर्पित लोकसेवक बताया है। विदेशी मीडिया ने क्या लिखा? ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने डॉ. मनमोहन के बारे में लिखा- उनका पहला कार्यकाल कर्ज माफी, मनरेगा और आरटीआई के लिए जाना जाता है। 2008 में मनमोहन सिंह ने परमाणु डील के लिए सरकार को दांव पर लगा दिया था। अमेरिकी अखबार ब्लूमबर्ग ने लिखा- उनकी कहानी लोगों में आत्मविश्वास भर देती हैष उन्होंने साबित किया कि शिक्षा, कड़ी मेहनत से हमारी जिंदगी हमारे माता-पिता की जिंदगी से बेहतर हो सकती है। एक और अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा- वे सिख समुदाय से आते थे। पहली बार कोई सिख भारत का प्रधानमंत्री बना था। वह उस समय पहली बार पीएम बने थे, जब भारत की धर्मनिरपेक्षता खतरे में थी। मनमोहन सिंह ने यह साबित किया था कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है। मलेशिया के पीएम ने सुनाया किस्सा डॉ. मनमोहन सिंह के मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम से काफी घनिष्ठ रिश्ते थे। इब्राहिम 1999 से 2004 तक जेल में बंद थे। उस वक्त मनमोहन सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे। उनके निधन पर अनवर इब्राहिम ने भी दुख जताया है। उन्होंने कहा, ‘जब मैं जेल में बंद था, तो मनमोहन सिंह ने बड़ी दया दिखाई थी। मेरे बच्चों, खास तौर पर मेरे बेटे इहसाल के लिए उन्होंने छात्रवृत्ति की पेशकश की थीष हालांकि मैंने इंकार कर दिया था, क्योंकि इससे मलेशियाई सरकार नाराद हो सकती थी।’ पुतिन ने भी जताया शोक मनमोहन सिंह के निधन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भी शोक जताया। उन्होंने कहा, ‘मनमोहन सिंह एक महान राजनेता थे। पीएम और दूसरे पदों पर रहते हुए वह भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक मंचों पर काफी मुखर रहे हैं।’ भारत ने एक महान व्यक्ति और फ्रांस ने अपना सच्चा मित्र खो दिया है। मनमोहन सिंह ने अपना जीवन भारत के लिए समर्पित कर दिया था। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अमेरिका ने भी दी प्रतिक्रिया अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा- ‘डॉ. मनमोहन सिंह अमेरिका-भारत साझेदारी के सबसे बड़े सर्मथकों में से एक थे। वह भारत-अमेरिका संबंधों के शिल्पकार रहे।’ मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा, ‘मनमोहन सिंह एक दयालु पिता की तरह थे। वह मालदीव के अच्छे मित्र थे।’ वहीं अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि भारत ने सबसे शानदार पुत्रों में से एक खो दिया है।
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