अमेरिकी अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड थेलर ने भारत में नोटबंदी के फैसले को सही बाताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि जिस तरीके से यह अचानक लागू किया गया वह दोषपूर्ण था। उन्होंने कहा जब भारत में नोटबंदी हुई तो नोटों की पूर्ति के लिए सरकार ने 2000 रुपए का नोट चलाया, कालाधन रोकने के लिए सरकार का यह कदम भी गले नहीं उतरता। उन्होंने यह बात शिकागो यूनिवर्सिटी के छात्र स्वराज कुमार से कही।
उन्होंने कहा कि यह आइडिया (नोटबंदी) अच्छा था क्योंकि जब लोगों के पास पैसे नहीं थे तो एक बड़ा नोट चलाकर रुपयों की पूर्ति की गई। लेकिन जब मार्केट में लोग यह नोट लेकर पहुंचे तो उन्हें परेशानी का सामना भी करना पड़ा। उन्होंने कहा कि बड़े नोटों से खतरा भी है इनसे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।
बता दें कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को अचानक भारत में 1000 और 500 के नोट बंद कर दिए थे। थेलर ने कहा की भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नोटबंदी एक सही कदम था। थेलर शिकागो यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं। थेलर को इसी साल इकोनॉमिक साइंस में नोबेल पुरस्कार दिया गया है।