9 नवंबर 2016 की सुबह विश्व की सबसे पुरानी अर्थव्यवस्था के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवर डोनाल्ड ट्रंप की जीत की खबर लेकर आई। साल भर ट्रंप किसी न किसी वजह से चर्चाओं में बने रहे। उनकी जीत के एक साल पूरे होने पर जानिए कैसा रहा व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति का एक साल।मिसाइल सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए ट्रंप ने मांगे चार अरब डॉलर
आंकड़ों की बात करें तो राष्ट्रपति के तौर पर लिए गए फैसलों में ट्रंप अपने कार्यकाल के पहले साल में अन्य अमेरिकी राष्ट्रपतियों से पिछड़ गए। ट्रंप पिछले 70 सालों के अमेरिकी राष्ट्रपतियों की तुलना में ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं जिन्होंने 37 प्रतिशत कम फैसलों को मंजूरी दी।
ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका की अर्थव्यवस्था सकारात्मक रही। 2017 की दूसरी तिमाही में 2.6 प्रतिशत की अर्थव्यवस्था में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। ट्रंप ने लॉन्ग टर्म इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए 3 प्रतिशत का टारगेट तय किया था।
शेयर मार्केट भी ट्रंप के कार्यकाल से खुश
ट्रंप के शासनकाल में बेरोजगारों की संख्या में कमी आई। ट्रंप के शासन के दौरान ये 4.3 फीसदी रहा जो कि 2001 के बाद सबसे निचले स्तर पर है।
ट्रंप प्रशासन में टूरिस्ट के अमेरिका आगमन में कमी दर्ज हुई। 4.3 मिलियन टूरिस्ट की कमी की वजह से अमेरिकी प्रशासन को 7.4 बिलियन डॉलर्स का नुकसान झेलना पड़ा।
आतंकी घटनाओं को रोकने में भी ट्रंप नाकाम दिखे। 362 हिंसा के केस इस साल देखने को मिले जिनमें 1 अक्टूबर को हुई लासवेगस शूटिंग भी शामिल है। ये अमेरिकी इतिहास में सबसे दर्दनाक हमला था। 31 अक्टूबर को न्यूयॉर्क वैन अटैक ने भी अमेरिका को हिलाकर रख दिया।
ट्रंप के इन ट्वीट में 456 बार ‘ग्रेट’ शब्द का इस्तेमाल किया, फेक न्यूज/मीडिया शब्द का 167 बार इस्तेमाल हुआ जबकि 77 बार ‘ओबामाकेयर’ शब्द का इस्तेमाल ट्रंप के ट्वीट में किया गया।
ट्रंप की संपत्ति
फोर्ब्स के मुताबिक ट्रंप की संपत्ति में कमी आई है। उनकी संपत्ति में 2016 से 2017 के दौरान 600 मिलियन डॉलर्स की गिरावट दर्ज की गई है। संपत्ति में गिरावट की वजह से अमीर अमेरिकियों की लिस्ट में ट्रंप 92 अंक नीचे आ गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के सहयोगियों पर यूएस के खिलाफ साजिश रचने के आरोप लगे हैं। ट्रंप के पूर्व कैंपेन मैनेजर पॉल मैनफोर्ट और उनके एसोसिएट रिक गेट्स ने सोमवार को खुद को FBI के हवाले कर दिया गया। उन पर ट्रंप कैंपेन के दौरान रूस के साथ संबंध, यूएस के खिलाफ षड्यंत्र रचने, पैसों की धोखाधड़ी करने और झूठे बयान देने के आरोप हैं।
FBI चीफ को निकाला
FBI चीफ जेम्स कोमी नवंबर 2016 में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस की भूमिका की जांच कर रहे थे, जिसके बाद ट्रंप ने उन्हें एफबीआई के निदेशक के पद से अचानक ही बर्खास्त कर दिया। संसद द्वारा गठित समिति ट्रंप द्वारा बर्खास्तगी के मामले में पूछताछ कर रही है। इस फैसले के बाद व्हाइट हाउस ने इस मामले में सफाई भी पेश की।
राष्ट्रपति ट्रंप ने 1 जून में अमेरिका को पेरिस समझौते से अलग कर लिया। पेरिस समझौता जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए सबसे अहम वैश्विक समझौता है। ट्रंप ने इसके पीछे कारण बताया कि ये अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए खराब है। पेरिस समझौते के तहत दुनियाभर के देश जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए एक साथ आए थे।
मुस्लिम ट्रैवल बैन
27 जनवरी 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात मुस्लिम देशों के लोगों पर अमेरिका में घुसने पर 90 दिन के लिए बैन लगा दिया। इसके अलावा ट्रंप ने शरणार्थियों के 120 दिनों तक अमेरिका में एंट्री पर बैन लगा दिया।
नॉर्थ कोरिया का लिटिल रॉकेट मैन
ट्रंप ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग पर निशाना साधते हुए अपने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से कहा कि लिटिल रॉकेट मैन(किम जोंग) से बातचीत करना बेकार है। ट्रंप ने अमेरिकी विदेश मंत्री को सुझाव देते हुए कहा कि अपनी ऊर्जा को बचाओ रेक्स, हम इसका प्रयोग सही जगह करेंगे। ट्रंप ने ये भी कहा था कि नॉर्थ कोरिया बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है।
H-1B वीजा पर ट्रंप का नहीं बदला रुख
ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान H-1B वीजा को लेकर एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया जिसके तहत अमेरिका में काम करने वाले अन्य देशों के लोगों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। ट्रंप का कहना है कि वो सिर्फ मोस्ट स्किल्ड वर्कर्स के लिए ही अमेरका में जगह देंगे।
एक कंसल्टिंग कंपनी के मुताबिक अमेरिका में जॉब कर रहे भारतीय पिछले एक साल में भारत के भीतर ज्यादा जॉब सर्च कर रहे हैं।
अमेरिकी सरकार ने कहा है कि 2018 के लिए एच -1 बी वर्क वीज़ा मांगने वाले नियोक्ताओं की संख्या पांच साल में पहली बार गिरावट आई है।