चीन ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी निगरानी के जवाब में वहां अपने एसयू-35 लड़ाकू विमान भेजे थे. दक्षिण चीन सागर एक विवादित इलाका है जिस पर अमेरिका अपने समुद्री जहाजों और विमानों के द्वारा निगरानी करता रहा है. चीनी सेना के इस खुलासे से इलाके में तनाव और बढ़ने के आसार हैं.
चीनी सेना ने एक बयान में बताया है कि उसने हाल में दक्षिण चीन सागर के ऊपर एक संयुक्त युद्धाभ्यास में शामिल होने के लिए एस-यू-35 विमान भेजे थे. हालांकि यह कब हुआ सेना ने इसकी जानकारी नहीं दी है.
दक्षिण चीन सागर में और इसकी हवाई सीमा में विदेशी विमानों, जहाजों की स्वतंत्र तरीके से आवाजाही होती रहे, इसके लिए अमेरिकी सेना समय-समय पर अपने युद्धपोतों और जेट विमानों से निगरानी करती रही है. चीन इस पूरे इलाके को अपना बताता है, जबकि इस पर फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी दावा करते हैं.
पहली बार चीन की वायु सेना ने यह सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि उसने एसयू-35 विमान की तैनाती की है. चीन ने सुखोई या एसयू-35 विमान रूस से खरीदे हैं. इस विमान को साल 2016 में चीन की सेना में शामिल किया गया था. सेना का कहना है कि वायु सेना की ताकत बढ़ाने के लिए आगे इस तरह के अभ्यास और प्रशिक्षण किए जाते रहेंगे.
इसके पहले पिछले साल जुलाई में जब अमेरिका ने इस इलाके में अपने पोत भेजे थे तो तनाव बढ़ गया था. तब अमेरिकी अधिकारियों ने बताया था कि दक्षिण चीन सागर के ट्रिटन द्वीप के पास अमेरिकी नौसेना ने स्वतंत्र नौ परिवहन अभ्यास किया है. अमेरिका ने पारासेल द्वीप समूह के ट्रिटन द्वीप के समीप विध्वंसक भेजकर चीन को चुनौती थी.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features