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अयोध्या: छह दिसंबर पर रामधुन में मगन रही अयोध्या, मठ-मदिरों में रात तक गूंजते रहे मंगलगीत

छह दिसंबर की तिथि पर रामनगरी के खुशनुमा माहौल से यही संदेश निकलता रहा। पहले छह दिसंबर को अयोध्या आशंकाओं के बादल से घिर जाती थी, बंदिशों में तब्दील हो जाती थी, आज वही अयोध्या रामधुन में लीन रही।

शौर्य दिवस व यौम-ए-गम अब अतीत की बात हो चुकी है, चारों ओर बस उत्सव और आनंद है। छह दिसंबर की तिथि पर रामनगरी के खुशनुमा माहौल से यही संदेश निकलता रहा। पहले छह दिसंबर को अयोध्या आशंकाओं के बादल से घिर जाती थी, बंदिशों में तब्दील हो जाती थी, आज वही अयोध्या रामधुन में लीन रही। मठ-मंदिरों में भक्तों का हुजूम रहा तो सुबह से लेकर देर रात तक मंगल गीत गूंजते रहे। अपने आराध्य के विवाहोत्सव के आनंद रस में अयोध्या डूबी नजर आ रही थी।

शुक्रवार को छह दिसंबर के साथ-साथ विवाह पंचमी भी थी। रामनगरी में हर तरफ अमन की बयार बह रही थी। पर्यटन व आस्था का माहौल था। न कहीं शौर्य दिवस मनाया गया न कहीं मुस्लिम समाज ने यौम-ए-गम मनाया, जो आयोजन हुए भी वे परंपरा निर्वहन तक सीमित रहे। सुबह करीब 11:10 बजे बेनीगंज स्थित मस्जिद पर शांति का माहौल दिखा। इससे आगे बढ़ने पर उदया चौराहे पर पुलिसकर्मी तो मौजूद थे, लेकिन कोई रोकटोक नहीं थी। साकेत महाविद्यालय छात्र-छात्राओं से गुलजार दिख रहा था। इस दिन स्कूल कॉलेज बंद हुआ करते थे। जिस टेढ़ी बाजार चौराहे पर छह दिसंबर को बिना चेकिंग के कोई आगे नहीं बढ़ पाता था, वहां सुबह 11 बजे कोई सख्ती नहीं दिखी।

सुबह 11:20 बजे राम जन्मभूमि दर्शन पथ पर रामलला के जयकारे गूंज रहे थे। कुछ श्रद्धालुओं को तो याद ही नहीं था कि आज छह दिसंबर है। दिल्ली से आए सचिन अरोड़ा बोले कि भूल जाइये छह दिसंबर को…आज की अयोध्या देखिए। तभी लाउड स्पीकर में गूंज रहे गीत नाचें दसों दिशाएं, जैसे सगुन मनाएं, राम आएंगे…गीत के बोल के साथ बोले मिलाते हुए जयघोष करने लगे। हनुमानगढ़ी की सीढि़यों पर श्रद्धालु कतारबद्ध थे। कानपुर निवासी जयंत सिन्हा बोले आज के दिन अयोध्या में घुसना मुश्किल होता था, लेकिन अब हर तरफ चैन व सुकून है। लता चौक से लेकर सरयू के घाटों तक पर्यटन का माहौल था। रामकथा पार्क में रामायण मेले के मंच पर हो रही रामलीला में रामायण की चौपाइयां गूंज रहीं थी, श्रद्धालु सुकून से इसके साक्षी बन रहे थे।

11:30 बजे रामकोट के कटरा मैदान में हिंदू व मुस्लिम समाज के बच्चे साथ-साथ खेल रहे थे। इंटर के छात्र अनीस ने कहा कि पुरानी बात मत करिए, अयोध्या अब पहले जैसी नहीं रही, हमें खेलने दीजिए। शांति, सौहार्द व उत्सव का यह वातावरण रामनगरी में शाम होते ही और घना हो गया। शाम को जब मठ-मंदिरों से राम बरात निकली तो पूरी अयोध्या दर्शन को उमड़ पड़ी। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु इस दृश्य को मोबाइल में कैद रहते रहे हर कोई आह्लादित था।

दशरथ महल में झूमते दिखे श्रद्धालु
सुबह 11: 40 बजे दशरथ महल में राम बरात की तैयारी हो रही थी। मंदिर के महंत बिंदुगाद्याचार्य देवेंद्र प्रसादाचार्य के समक्ष लोक कलाकार प्रस्तुतियां दे रहे थे, वे निहाल होकर न्योछावर लुटा रहे थे। बोले आज अयोध्या शांति-समृद्धि का संदेश दे रही है। पूरी अयोध्या में राम विवाह का उत्सव हो रहा है, कौन सहमा हुआ है, कोई नहीं, श्रद्धालु देश-विदेश से आए हैं, यह पहले संभव नहीं था।

अब काली पट्टी बांधने की जरूरत नहीं: इकबाल
इकबाल अंसारी दोपहर 12 बजे आवास पर बैठे थे। कहा कुरानख्वानी कर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी है, लेकिन अब काली पट्टी बांधने की जरूरत नहीं है। देखिए कितना सुकून है, हर तरफ उल्लास है, आज रामजी की बरात निकलने वाली है। हम भी शामिल होंगे, बरातियों पर पुष्पवर्षा करेंगे। हिंदू-मुसलमानों के बीच सौहार्द रहेगा तो देश-प्रदेश आगे बढ़ेगा, अयोध्या इसकी मिसाल है।

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