श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान श्रद्धालुओं को मुहैया कराई गई स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर भी घोटाले के मामले सामने आ रहे हैं। कम दर पर 40 एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए तैयार तीन-तीन फर्मों को नजरअंदाज करके 10 लाख रुपये अधिक वाली फर्म को ठेका देकर शेष फर्मों को अयोग्य घोषित कर दिया गया। अयोग्य घोषित हुई एक फर्म ने शिकायत भी की, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया।
श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को थी। एक माह के इस विश्व स्तरीय आयोजन में दूर-दराज से लाखों श्रद्धालुओं को पहुंचना था। इनको बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए जिले में संसाधन नाकाफी थे। इसलिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने रामकथा संग्रहालय में समीक्षा बैठक की। इसमें प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, महानिदेशक स्वास्थ्य समेत प्रदेश व जिले के अधिकारी शामिल हुए थे। उन्होंने कुंभ की तर्ज पर स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए थे।
इसके अनुपालन में स्वास्थ्य विभाग ने 58 एंबुलेंस की मांग की, जिसे पूर्ण करने के लिए दो निविदा निकाली गई। 40 एंबुलेंस के लिए एक बिड संख्या-4397223, 27 दिसंबर, 2023 को निकाली गई। इसमें अलग-अलग फर्मों ने प्रतिभाग किया और पांच फर्म टेक्निकल बिड में पहुंची। इनमें भारती एंबुलेंस सर्विसेज ने 84,01,200 रुपये, एमिनेंस यूथ पॉवर प्राइवेट लिमिटेड ने 89,94,000 रुपये, मेसर्स अंश इंटरप्राइजेज ने 90 लाख, यूनिक प्लस कार्डियक सर्विस ने 94.80 लाख व रक्षक एंबुलेंस ने 1.70 करोड़ रुपये में काम करने को तैयार थीं। लेकिन शुरू की तीन फर्म को अयोग्य करार देकर 10 लाख रुपये ज्यादा में यूनिक प्लस कार्डियक सर्विस को काम दिया गया। अब शिकायत के बाद इसकी भी जांच शुरू हुई है।
89.94 लाख में काम करने को तैयार फर्म ने की थी शिकायत
निविदा प्रक्रिया में 89.94 लाख रुपये में काम करने को तैयार एमिनेंस यूथ पॉवर प्राइवेट लिमिटेड ने मंडलायुक्त से मामले की शिकायत की थी। शिकायती पत्र में प्रबंधक राजीव कुमार मिश्रा ने आरोप लगाया था कि फर्म को अयोग्य करने के लिए छह कारण बताए गए थे। जबकि सभी अभिलेख बिड डालते समय ही पोर्टल पर उपलब्ध थे। 12 जनवरी को दोबारा प्रत्यावेदन के साथ उन अभिलेखों को जेम पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराया गया। 14 जनवरी को उनकी फर्म को सभी अभिलेख उपलब्ध कराने के बावजूद अयोग्य करके नियम विरुद्ध तरीके से ज्यादा दर वाली फर्म को चयनित कर लिया गया। उन्होंने संपूर्ण बिड प्रक्रिया की सक्षम स्तर से जांच कराकर बिड निरस्त करने की मांग की थी।
मांगी गई जांच आख्या
शासन से इस मामले की जांच करके आख्या मांगी गई है। इसके लिए कमेटी बनाई गई है। हर एक बिंदु पर बारीकी से जांच करके वस्तुस्थिति से शासन को अवगत कराया जाएगा। -डॉ. सुशील प्रकाश, अपर निदेशक, अयोध्या मंडल
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