उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 18 नवंबर को मसौदा पेश किया जा चुका है। वहीं, प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने शिया वक्फ बोर्ड के फैसले पर आभार जताया और कहा कि इसके लिए हिंदू समाज उनका आभारी रहेगा।
वसीम रिजवी ने ये बातें कही-
– उन्होंने कहा कि हम आपसी सहमति से हल निकालना चाहते हैं मामले पर कत्लेआम नहीं चाहते हैं। अयोध्या में राम मंदिर बने। जबकि लखनऊ के हुसैनाबाद में मस्जिद-ए-अमन के नाम से मंदिर बनाएंगे। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
– हमने कभी भी कोई वकील कोर्ट में खड़ा नही किया तो शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से किसने वकील खड़ा किया । इसकी जांच होनी चाहिये।
– आयोध्या में मस्जिद बनाने का कोई मतलब नही है। मंदिरों का शहर है अयोध्या , शिया वक्फ बोर्ड अयोध्या मंदिर बनाने के लिए मदद भी करेगा ।
– रिजवी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले पर सिर्फ झगड़ा बढ़ा रहा है। शिया वक्फ बोर्ड मंदिर निर्माण की जगह कभी भी दावा नहीं करेगा। बल्कि, मंदिर निर्माण में मदद भी करेगा।
– मसौदे पर दोनों ही पक्षों के हस्ताक्षर हैं।
– लखनऊ में मंदिर बने जिसका नाम मस्जिद-ए-अमन रखा जाए।
– शिया वक्फ बोर्ड अयोध्या में रामजन्म भूमि पर दावा नहीं करेगा और मंदिर बनाने में मदद भी करेगा।
– सफाई दी कि हम ने कभी भी कोई वकील कोर्ट में खड़ा नही किया तो शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से किसने वकील खड़ा किया , इसकी जांच होनी चहिए।
– मसौदे को सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे।
इस पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने कहा कि हम शिया वक्फ बोर्ड के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने इस मामले पर जो अपना पक्ष रखा है उसका पूरा हिंदू समाज आभारी रहेगा।
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