लखनऊ: अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मंदिर मामले को लेकर रोज नयी-नयी बातें निकल कर सामने आ रही है। अब उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का दावा उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। न्यायालय अगर बोर्ड के हक में निर्णय करता है तो बोर्ड जमीन राम मंदिर के लिए दे देगा।
यह बात सोमवार को शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कही। इंदिरा भवन स्थित बोर्ड कार्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए श्री रिजवी ने कहा कि, बोर्ड विवादित स्थल के स्थान पर मुस्लिम बहुल इलाके में बाबर या मीर बाकी के नाम नहीं बल्कि मस्जिदे अमन के नाम से दूसरी मस्जिद का निर्माण कराएगा।
श्री रिजवी ने कहा कि इस मस्जिद का निर्माण मीर बाकी ने कराया था। वर्ष 1944 से पहले यह मस्जिद शिया वक्फ बोर्ड में थी, जबकि इसे बाद में सुन्नी वक्फ बोर्ड में दर्ज कर लिया गया। इसलिए अब सुन्नी वक्फ बोर्ड का विवादित स्थल पर बनी मस्जिद पर दावा गलत है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड देश में अमन-चैन चाहता है, इसलिए विवादित स्थल पर शरई पहलू जानने के लिए ईरान व इराक के वरिष्ठï धर्मगुरुओं से राय मंगाई। वरिष्ठ धर्मगुरु आयतुल्लाह मकारिम शीराजी ने कहा कि, अगर मस्जिद को लेकर कोई विवाद है तो उस पर आपस में समझौता करें या फिर जो कानूनी तरीका हो उसे अपनाए जबकि आयतुल्लाह अली फातिमी ने कहा कि, आपसी झगड़े से बचें हो सके तो विवादित स्थल से दूर दूसरी मस्जिद बना ली जाए।