बजट को लेकर राजनीतिक स्तर पर भले ही कुछ भी कहा जाए. लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसी मूडीज ने इसकी सराहना की है और माना कि यह देश की राजस्व को दुरुस्त करने की दिशा में सही कदम है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बृहस्पतिवार को बजट पेश करने के दौरान कहा कि 2018-19 (अप्रैल-मार्च) के वित्तीय वर्ष में राजस्व घाटा कुल घरेलू सकल आय का 3.3 फीसदी रहने का अनुमान है. जो कि आज की उम्मीदों (3.2 फीसदी) से थोड़ा ही ज्यादा है.
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के उपाध्यक्ष जॉय रानकोथगे ने रॉयटर्स से कहा कि बजट में ज्यादातर घोषणाएं “प्रोडक्टिव इनवेस्टमेंट्स” जैसी लग रही हैं.
उन्होंने कहा, “आपको इसमें मध्यम और लंबे समय की योजना में बाद में फायदा दिखाई देगा, हालांकि यह इस पर निर्भर करता है कि इसे किस तरह से लागू किया जाता है और कितना फंड दिया जाता है.”
अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने 2004 में भारत की रेटिंग सुधारते हुए पिछले साल नवंबर में 14 साल बाद भारत की रेटिंग में सुधार किया था. इसकी वजह बीते एक साल में केंद्र सरकार के कदमों को बताया गया और कहा गया है कि आने वाले दिनों में ये कदम बेहतर साबित होंगे.
मूडीज ने भारत की रेटिंग को BAA 3 के बदले BAA 2 किया था, जिससे उसकी स्टेबल से पॉजिटिव रेटिंग हो गई थी.