उम्र छोटी लेकिन इरादे बेहद बुलंद l उम्र कच्ची लेकिन इरादे बेहद पक्के l इरादे ऐसे मज़बूत जिसको देखकर अच्छे अच्छे डर जायें l कश्मीर में जिस तरह के हालात इस वक़्त चल रहे हैं, उन्हें देख कर अब आम आदमी को वहां जाने से डर लगने लगा है l जिस कश्मीर को कभी धरती की ज़न्नत कहा जाता था, आज वो आतंकियों, अलगाववादियों और पत्थरबाजों की नापाक हरक़तों के चलते दोज़ख बन चुका है l
हांलाकि भारतीय सेना के जवान हर दिन आतंकियों को ठोंक रहे हैं लेकिन पाकिस्तान के इशारों पर नाचते ये आतंकी अपनी हरकतों से बाज़ नहीं नहीं आ रहे l पत्थरबाज़ और वहां के कट्टरपंथी नागरिक आतंकियों को आड़ देते हैं और जिसके चलते सेना को कई बार कड़े फ़ैसले लेने पड़ जाते हैं l
पिछले दिनों ही सेना ने लश्कर कमांडर अबू दुजाना को ठोंका था l लश्कर कमांडर दुजाना को मार गिराने के अभियान का नेतृत्व करने वाले सेना की 55 आरआर के कमांडिंग अधिकारी कर्नल कमल नौरियाल ने वीरवार को कहा कि आतंकी कमांडर ने उस घर के सभी लोगों को ह्यूमन शील्ड की तरह इस्तेमाल करने का प्रयास किया था, जिस घर में उसने शरण ली थी।
वीरवार को बातचीत में कर्नल नौरियाल ने बताया कि 31 जुलाई की रात को जैसे ही उनको हकरीपोरा पुलवामा में एक मकान विशेष में दुजाना के छिपे होने का पता चला, उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया। इस मकान पर बीते कुछ दिनों से लगातार नजर रखी जा रही थी।
कर्नल के अनुसार मकान मालिक ने हमारे एक कंपनी कमांडर से संपर्क कर बताया कि वह (कंपनी कमांडर) किसी तरह उन्हें (मकान मालिक व उसके परिजन) बाहर सुरक्षित निकालें, क्योंकि दुजाना उन्हें बाहर नहीं आने दे रहा है। वह उन्हें हयूमन शील्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहता है। मकान के अंदर फंसे लोगों को जब बाहर लाया गया तो मकान मालिक के फोन से ही कंपनी कमांडर ने दुजाना से बात कर उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा।
सीओ 55 आरआर ने कहा कि दुजाना सरेंडर के लिए नहीं माना। इसके बाद हुई गोलीबारी में वह अपने साथी संग मारा गया। दुजाना को भी कश्मीर में जारी जिहाद की असलियत पता चल चुकी थी और जब हमारे अधिकारी ने उसे बताया कि वह (दुजाना) कठपुतली है तो उसने भी निराशाजनक आवाज में इस तथ्य को स्वीकारा।
कश्मीर है तो भारत का हिस्सा लेकिन इसी कश्मीर से कई दफ़ा ऐसी भी तस्वीरें सामने आयीं जो बेहद चौंकाने वाली थीं l कश्मीर के युवा हाथों में पाकिस्तान का झंडा लेकर गर्व से फहरा रहे थे और जुबान पर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा था, लेकिन अब इसी कश्मीर में तिरंगा लहराएगा l श्रीनगर का लाल चौक तो आपने सुना ही होगा l लाल चौक वो जगह है जिस पर तिरंगा लहराने को लेकर कई बार देश के सिकुलर नेता और राष्ट्रवादी लोग आमने सामने भी आ चुके हैं l अब इसी लाल चौक पर तिरंगा लहराने का दम एक बच्ची ने भरा है l
आपको बता दें कि तंजीम पिछले साल भी लाल चौक पर तिरंगा फहराने गई थीं लेकिन उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया था और इसके बाद वह एयरपोर्ट पर ही तिरंगा फहराकर वापस लौट गई थीं l
गौरतलब है कि तंजीम पहले 15 अगस्त यानि भारत के स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा लहराना चाहती थीं लेकिन अब उन्होंने 15 अगस्त की बजाए 7 अगस्त को तिरंगा लहराने का निर्णय लिया है l आपको बता दें कि 7 अगस्त को रक्षाबंधन है और तंजीम का कहना है कि वो इसी दिन लाल चौक पर तिरंगा लहराकर सेना के जवानों के साथ रक्षाबंधन मनाएंगी l
आपको बता दें कि तंज़ीम के पिता आमिर मेरानी अहमदाबाद के जुहापुरा में ईंटो के व्यापारी हैं और जिस तरह भट्ठी में ईंटे पकाई जाती है आमिर मेरानी ने भी अपनी बेटी को देशप्रेम की भठ्ठी में तपा कर भारतीय संस्कृति के अनुसार तैयार किया है। तंज़ीम ने तीन साल पहले जब अन्ना हज़ारे ने आंदोलन किया था उसी वक्त तंज़ीम ने भी तय कर लिया था की वो देश के लिए कुछ करना चाहती है, लेकिन उस वक्त उसकी उम्र काफी कम थ l
इसके बाद तंजीम ने पिछले साल लाल चौक पर 15 अगस्त को तिरंगा फहराने की ठानी थी और उस वक़्त तंजीम 8 वीं क्लास में थी, लेकिन उस वक़्त तंजीम को लाल चौक पर तिरंगा फहराने से पहले ही श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था और तंजीम ने एयरपोर्ट पर ही तिरंगा फहराया था l इस बार एक बार फिर तंजीम लाल चौक पर तिरंगा फहराना चाहती हैं और इस बार उन्होंने देशभक्ति से लबरेज़ इस नेक काम के लिए 7 अगस्त का दिन तय किया है l
हम यही चाहेंगे कि आप भी तंजीम की इस मुहिम में उनका साथ दें और इसे सिर्फ ख़बर मानकर बैठ नहीं जाएँ बल्कि 14 साल की बच्ची तंजीम का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए इस ख़बर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचायें और तंजीम का हौंसला बढाएं l