योगी सरकार ने बजट में अल्पसंख्यकों पर दरियादिली दिखाई है। अल्पसंख्यकों के विकास एवं कल्याण की योजनाओं के लिए 2757 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। अरबी-फासरी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 404 करोड़ रुपये दिए गए हैं। आमतौर पर अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आरोप झेलने वाली भाजपा सरकार ने इस बार अल्पसंख्यक कल्याण एवं विकास योजनाओं का बजट बढ़ा दिया है। हालांकि अल्पसंख्यकों के लिए कोई नई योजना शुरू नहीं की है लेकिन उनके विकास एवं कल्याण की योजनाओं के लिए 2757 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।अरबिया पाठशालाओं को अनुदान के लिए 486 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। वहीं स्थायी मान्यता प्राप्त आलिया स्तर के 246 मदरसों को अनुदान के लिए 215 करोड़ रुपये तथा मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 404 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
पिछले बजट में अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति के लिए 791.83 करोड़ तथा फीस प्रतिपूर्ति के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। अल्पसंख्यक क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व अन्य सुविधाओं के लिए 340.80 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। मदरसों में आधुनिक शिक्षा के लिए 394 करोड़ रुपये दिए गए थे। इसके अलावा अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों में महिला छात्रावास के लिए 18.41 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।