जो बैंक पहले प्रदेश के अल्पसंख्यकों को कर्ज देने से कतराते थे उन्होंने अब अपने दरवाजे खोल दिए हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले एक वर्ष में सात हजार करोड़ रुपये ज्यादा लोन अल्पसंख्यकों को दिया गया है। इसी अवधि में लोन लेने वाले अल्पसंख्यकों की संख्या लगभग 18 लाख बढ़ गई है।
इस संबंध में राज्य स्तरीय बैंक समिति ने आरबीआई और शासन को रिपोर्ट भेजी है। इसमें बताया गया है कि प्रदेश में 21 जिले अल्पसंख्यक बहुल के रूप में चिह्नित हैं। इनमें लोन लेने वाले अल्पसंख्यकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
पिछले साल सितंबर में इन जिलों में 39605 अल्पसंख्यकों ने 776 करोड़ रुपये का लोन विभिन्न मदों में लिया था। इस साल सितंबर तक लोन लेने वाले अल्पसंख्यक 13.66 लाख हो गए। उन्होंने 23,518 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन बैंकों से लिया। यानी केवल एक साल में इन जिलों में लोन लेने वाले अल्पसंख्यकों की संख्या 13.26 लाख बढ़ गई। जो 35 गुना से भी ज्यादा है।
अल्पसंख्यक बहुल जिले
बदायूं, बाागपत, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, अमरोहा, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर।
अन्य जिलों में भी बैंक उदार
लोन रिकाॅर्ड अच्छा होने का असर यह पड़ा है कि पिछले साल सितंबर में यूपी में जहां 19.27 लाख अल्पसंख्यकों ने 33 हजार करोड़ का लोन लिया था, वहीं इस बार 24.47 लाख अल्पसंख्यकों ने 40000 करोड़ रुपये का लोन लिया ।
इस वृद्धि के कारण
– यूपीआई व एप से भुगतान सुविधा
– जनधन योजना और मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना
– सब्सिडी की रकम खातों में भेजना
– अल्पसंख्यक इलाकों में एटीएम की संख्या बढ़ना
– पीएम स्वनिधि योजना
– लोन चुकाने के बाद मिलने वाले लाभ
– नई पीढ़ी में शिक्षा जागरूकता, एजुकेशन लोन
– पीएम आवास योजना व होम लोन में तेजी
– बैंकों में पैसा जमा होने से आसानी से लोन मिलना
– आटो लोन में जबर्दस्त तेजी, ओडीओपी का फायदा
अल्पसंख्यक लोन के शीर्ष जिले
जिला लाभार्थी राशि
मुरादाबाद 2.90 लाख 5471 करोड़
बरेली 2.65 लाख 2040 करोड़
बिजनौर 99452 1150 करोड़
सहारनपुर 86176 1552 करोड़
मेरठ 81280 1650 करोड़