मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होते ही कांग्रेस अपने पुरे जोर-शोर के साथ इसे भुनाने में जुट गई है. आरोपों की बौछार, तीखें जुबानी तीर आदि का सिलसिला अपने चरम पर है. इससे पहले, कांग्रेस ने दूसरी पार्टियों के अन्य सदस्यों को साथ लेकर इस बात पर आपत्ति जताई, की उन्हें सदन में बोलने के लिए काम समय दिया गया है. साथ ही कांग्रेस ने इसके लिए एक अतिरिक्त दिन देने की मांग भी कर डाली.
लेकिन कांग्रेस इस मांग पर पलटवार करते हुए संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस 20 -20 के ज़माने में टेस्ट मैच खेलना चाहती है, जितना समय कांग्रेस और अन्य पार्टियों को बोलने के लिए दिया गया है, वो पर्याप्त है. अविश्वास प्रस्ताव पर बहस अनंत काल तक नहीं चल सकती. कांग्रेस की ओर से कम समय मिलने पर सबसे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपत्ति जताई.
उन्होंने कहा कि कि चर्चा को एक दिन की सीमा में बांधना ठीक नहीं है. इसे दूसरे दिन भी चलाया जा सकता है, लेकिन बोलने का मौका सबको पर्याप्त मिलना चाहिए. आपको बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी राय रखने के लिए कांग्रेस को 38 मिनट, बीजेडी को 15, शिवसेना को 14, टीडीपी को 13, टीआरएस को 9, एआईएडीएमके को 29 और टीएमसी को 27 मिनट का वक्त दिया गया है. वहीँ भाजपा सरकार, जिसके खिलाफ प्रस्ताव लाया गया है, उसे 3 घंटे 33 मिनट का समय दिया गया है. ये बहस पुरे 7 घंटों तक चलेगी.
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