असम के धुबरी जिले से गायों की तस्करी करके बांग्लादेश ले जाने का मामला सामने आने के बाद पुलिस और बीएसएफ ने बड़ी कार्रवाई शुरू की. सुरक्षा बलों ने अलग-अलग अभियान चलाकर धुबरी में पांच तस्करों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से आठ गायों को बरामद किया है. इसमें से एक तस्कर को बीएसएफ ने धुबरी के हाथीचर इलाके में अभियान चलाकर गिरफ्तार किया है. साथ ही चार गायों को बरामद किया है. अब भी सुरक्षा बलों का अभियान जारी है.
दरअसल, आज तक की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने खुफिया कैमरों के जरिए असम के धुबरी जिले के झापसाबारी इलाके में गायों की बांग्लादेश को तस्करी का खुलासा किया था, जिसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है. इसमें खुलासा हुआ था कि गाय समेत तमाम पशुओं के ऊपर कोई खास पहचान या कोड भी छाप दिए जाते है. ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि सरहद पार पहुंचने पर पशु उसी कारोबारी को मिल सके, जिसके लिए तस्करी की जा रही है.
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स्थानीय नागरिकों के मुताबिक बीएसएफ जवानों की आंखों से बचाकर ये तस्करी की जाती है. एक अनुमान के मुताबिक झापसाबारी से ही हर दिन 300-400 गायों को नदी के रास्ते बांग्लादेश भेजा जाता है. तस्कर इन गायों को असम और बांग्लादेश के पशु व्यापारियों से खरीदते हैं. ज्यादातर गाय उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा से सड़क के रास्ते लाई जाती हैं. पहले इन्हें पश्चिम बंगाल-असम सीमा पर अनलोड किया जाता है. फिर तस्कर तय करते हैं कि गायों को बांग्लादेश कैसे भेजा जाए? नदी से तस्करी के अलावा जमीन के रास्ते भी गायों को सीमा टपा कर बांग्लादेश भेजा जाता है. हालांकि जमीनी सीमा पर चौकसी अधिक होने की वजह से इस रास्ते तस्करी पर काफी हद तक रोक लग गई है.
स्थानीय लोग इन दिनों गाय तस्करों की अमानवीय हरकतों के विरोध में खुल कर सामने आने लगे हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक ये तस्कर इतने बेखौफ हैं कि रोके जाने पर कई बार बीएसएफ से भी भिड़ जाते हैं. लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में गायों की बांग्लादेश को तस्करी बढ़ गई है. मालूम हो कि आज तक की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने बीते साल भी खुफिया कैमरों के साथ असम का रुख कर गाय तस्करी की कई परतों को खोला था.