बीते वर्ष नवंबर में सेक्टर-53 में युवती से सामूहिक मामले के तीनों दोषियों को अदालत ने सजा सुना दी है। तीनों को आखिरी सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है। दोषियों में मूलरूप से अंबेडकर नगर, उत्तर प्रदेश निवासी मोहम्मद इरफान (29), किस्मत अली उर्फ पोपू (23) और मोहम्मद गरीब (23) शामिल हैं। अदालत ने मामले के ट्रायल का 118 दिन में निपटारा करते हुए बीते सोमवार को उक्त तीनों को दोषी करार दिया था। दोषियों ने मूलरूप से देहरादून निवासी एवं मोहाली में बतौर पीजी रहने वाली 21 वर्षीय युवती से अॉटो में सामूहिक दुष्कर्म किया था।
सेक्टर-36 थाना पुलिस ने मोहम्मद इरफान, मोहम्मद गरीब और किस्मत अली उर्फ पोपू के खिलाफ आइपीसी की धारा 376 (डी), 376 (2) जी और 506 के तहत केस दर्ज किया था। हालांकि बाद में पुलिस ने तीनों के खिलाफ चार्जशीट आइपीसी की धारा 376 (डी) (सामूहिक दुराचार) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत दायर की थी। इन्हीं दोनों धाराओं में अदालत ने आरोप तय कर ट्रायल शुरू किया था। तीनों की डीएनए रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई थी। वहीं पीड़िता ने भी तीनों को अदालत में पहचानते हुए उनके खिलाफ बयान दिए थे।
बच्ची-बच्ची बोल पहले भरोसा जीता, फिर की घिनौनी हरकत
पीड़िता ने विशेष अदालत में दिए बयान में कहा था कि ऑटो चालक मोहम्मद इरफान ने वारदात से पहले उसका भरोसा जीतने के लिए उसे बताया कि उसकी बेटी को पैरालाइसिस है और वह अस्पताल में भर्ती है। वह उसे बार-बार बच्ची-बच्ची कहकर बुला रहा था। वारदात के दौरान इरफान ने अन्य दोषियों से उसका वीडियो बनाने की बात भी कही थी। इसके अलावा वारदात के बाद इरफान ने उसे डराने के लिए अन्य आरोपियों से जेब से चाकू निकाल उसे जान से मारने की धमकी दी थी।
एक चंडीगढ़ से तो दो यूपी से हुए थे गिरफ्तार
सेक्टर-49 थाना पुलिस ने जीरकपुर निवासी मोहम्मद इरफान को चंडीगढ़ से ही गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर अन्य दोनों मोहम्मद गरीब और किस्मत अली उर्फ पोपू को उत्तर प्रदेश स्थित पैतृक आवास अमेठी और फैजाबाद से गिरफ्तार किया था। पुलिस उनके घर में इंश्योरेंस एजेंट बनकर पहुंची थी और उनकी पहचान होने पर उन्हें धर दबोचा था।
ये हुई थी घटना
विशेष अदालत में दर्ज बयान में पीड़िता ने कहा था कि वह मूलरूप से देहरादून की रहने वाली है और मोहाली में पीजी में रहती है। सेक्टर-17 में वह प्राइवेट जॉब करती थी। 17 नवंबर 2017 की शाम वह ऑफिस के बाद सेक्टर-37 में स्टेनो की कोचिंग के लिए आई हुई थी। शाम को वह कोचिंग से करीब 7 बजे निकली। यहां से वह फोन पर घरवालों से बात करते हुए ऑटो पकड़ने के लिए मेन रोड पर आई।
फोन पर बात करते-करते ही उसने ऑटो रुकवाया और उसमें बैठ गई। ऑटो में पहले से दो सवारियां बैठी हुई थीं। आगे जाकर चालक ने पेट्रोल भरवाने की बात कहते हुए ऑटो को सेक्टर-42 की ओर मोड़ लिया। उसने उसे वहीं उतारने की बात कही तो चालक इरफान ने अपनी बेटी की बीमारी की बात कहते हुए उसे ऑटो से न उतरने को कहा। इसके बाद वह ऑटो में ही बैठी रही।
इस दौरान वह उसे बच्ची-बच्ची कहकर अपनी बेटी और उसकी बीमारी की कहानी सुनाकर उससे सांत्वना जुटाता रहा। बाद में सेक्टर-42 स्थित पेट्रोल पंप के पास आकर ऑटो रुक गया। इसके बाद चालक और दोनों सवारियां ऑटो को धक्का मारकर अंदर ले गए। वहां उन्होंने पेट्रोल भरवाया और उसके बाद सेक्टर-43 के राउंड अबाउट से यू-टर्न लिया।