आंध्र प्रदेश में एक मार्मिक घटना सामने आई है। आंध्र प्रदेश में एक लाचार मां के अपने 9 साल के बच्चे के लिए इच्छामृत्यु की मांग करने के 2 घंटे बाद ही उसी बेटे की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि आंध्र प्रदेश में एक नौ साल के लड़के की मां की ओर से मंगलवार को अदालत में इच्छामृत्यु के लिए आवेदन करने के दो घंटे के अंदर ही एक दुर्लभ बीमारी से मौत हो गई। आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाले एक दंपती के नौ साल के बेटे हर्षवर्धन को खून से जुड़ी एक दुर्लभ बीमारी का पता चला था। परिवार चित्तूर जिले के चौडेपल्ली मंडल के बिरजेपल्ली गांव में रहता है।
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाले इस दंपती का 9 साल का बेटा हर्षवर्धन खून से जुड़ी एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित था। लाचारी के कारण इलाज न करा पाने के कारण उसकी मां ने अदालत में इच्छामृत्यु के लिए आवेदन किया था। हर्षवर्धन जब चार साल का था, तब उस गरीब दंपती को पता चला कि उनके बेटे को खून से जुड़ी एक दुर्लभ बीमारी है। इलाज के बावजूद उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस कारण दंपती को इलाज के लिए चार लाख रुपये का कर्ज भी लेना पड़ा।
उन्होंने कहा कि उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा था, अरुणा ने मंगलवार को पुंगनूर कोर्ट में आवेदन कर अनुरोध किया कि या तो सरकार को उसके बेटे की देखभाल करनी चाहिए या अदालत को उसकी इच्छामृत्यु की अनुमति देनी चाहिए। दुर्भाग्य से, याचिका दायर करने के मुश्किल से दो घंटे के भीतर उस बच्चे ने अदालत से गांव जाते समय अंतिम सांस ली।
ऐसी घटनाएं मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली हैं। एक मां ने अपने ही बेटे के लिए इच्छामृत्यु की मांग की लेकिन उससे पहले ही बेटे की मौत हो गई।
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