आंवला नवमीः 5 घंटे का है शुभ मुहूर्त, इस तरह से करें पूजा

आंवला नवमीः 5 घंटे का है शुभ मुहूर्त, इस तरह से करें पूजा

कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी मनाया जाती है। माना जाता है कि इसी दिन मां लक्ष्मी ने भूलोक पर भगवान विष्णु और शिव जी आंवले के रूप में एक साथ पूजा की और इसी पेड़ के नीचे बैठकर खाना भी  खाया। एक ये भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्‍ण ने कंस वध से पहले तीन वन की परिक्रमा की थी, जिसे प्रजा ने अत्याचारी कंस के लिए विरोध जागा था। इसी वजह से अक्षय नवमी को लाखों भक्त मथुरा-वृदांवन की परिक्रमा करते हैं। इस बार ये त्योहार 29 अक्टूबर को है और पूजा के लिए करीब 5 घंटे का समय होगा।आंवला नवमीः 5 घंटे का है शुभ मुहूर्त, इस तरह से करें पूजा

देवउठनी एकादशीः इस तरह रखें व्रत, 31 अक्टूबर को चार महीने बाद जागेंगे देव…

इस त्योहार के पीछे एक मान्यता ये भी है कि इसी तिथि को द्वापर युग की शुरुआत हुई थी। यह युगा‌दि तिथि है। इसे धात्री नवमी भी कहते हैं।

नवमीं तिथि 28 अक्‍टूबर को शाम 4:51 बजे लग जाएगी, जो अगले दिन यानी 29 अक्टूबर को 6:20 बजे तक रहेगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त 5 घंटे 29 मिनट का है, जो सुबह 6:34 से शुरू होकर 12: 04 तक रहेगा।
 

अक्षय, पुष्प, चंदन आदि से आंवले के पेड़ की पूजा कर उसके चारों ओर कच्चा धागा बांधें और कम से कम सात बार परिक्रमा करें। इस दौरान भगवान विष्‍णु का ध्यान जरूर करें। 
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com