आइआइटी कानपुर और ताईवान की यूनिवर्सिटी शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही तकनीक का विकास करेंगे। दोनों संस्थान संयुक्त रूप से पीएचडी और शोध कार्य आरंभ करने जा रहे हैं। बुधवार को ताईवान के राष्ट्रीय चियाओ तुंग विश्वविद्यालय का आइआइटी से करार हुआ है। ऐसे में दोनों ही संस्थानों के छात्र-छात्राएं एक दूसरे के यहां जाएंगे, शिक्षा ग्रहण करेंगे। उन्हें संयुक्त रूप से उपाधि मिलेगी।
राष्ट्रीय चियाओ तुंग विवि के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट चीयून-सून-चेन ने आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर के साथ मुलाकात की। उन्होंने सामाजिक सरोकार, पर्यावरण संरक्षण, वायु प्रदूषण, जल संरक्षण समेत कई पहलुओं पर बातचीत हुई। ऑनलाइन प्रोग्राम और शोधकार्यो पर सहमति बनी। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी ने इस शैक्षणिक कार्यक्रम को सहयोग करने की इच्छा जाहिर की है। उनके अधिकारी भी करार के दौरान उपस्थित रहे। राष्ट्रीय चियाओ तुंग विवि के पदाधिकारियों ने आइआइटी के कंप्यूटर साइंस इंजीनिय¨रग विभाग में बनी साइबर सिक्योरिटी लैब का निरीक्षण किया। एयरो स्पेस इंजीनिय¨रग विभाग और इनक्यूबेशन हब का दौरा किया।
विद्यार्थियों से पूछा दीक्षा समारोह में आएंगे या नहीं
कानपुर : दीक्षा समारोह में छात्र-छात्राएं मौजूद होंगे या नहीं, 10 सितंबर तक यह जानकारी कुलसचिव कार्यालय में दे दें। बुधवार को यह निर्देश छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने पदक व डिग्री हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को दिए। निर्देशों में साफतौर से जिक्र किया गया कि जो उत्तरीय वह पहनेंगे उसके लिए 200 रुपये सात से 10 सितंबर कर लेखा काउंटर पर जमा करने होंगे। दीक्षा समारोह के बाद 13 से 20 सितंबर तक 150 रुपये वापस मिल जाएंगे, वहीं 50 रुपये प्रयोग शुल्क के रूप में जमा होंगे। अगर उत्तरीय वापस नहीं की तो पूरे 200 रुपये जमा कर लिए जाएंगे। दीक्षा समारोह के दिन सुबह सात बजे से नौ बजे के बीच छात्र-छात्राओं को अपने विभाग से उपाधि दी जाएगी। इसके लिए छात्र या छात्रा को वहां खुद मौजूद रहना होगा। किसी भी दशा में अन्य किसी को उपाधि नहीं दी जाएगी। उपाधि पत्र लेने के लिए छात्र-छात्रा को अपनी प्रमाणिकता विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष, संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य आदि से कराना जरूरी होगा।