आज पूरा देश 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है और गणतंत्र दिवस पर सबसे अहम कार्यक्रम में से एक है राजपथ पर होने वाली परेड. इस परेड में देश के हजारों नागरिकों के साथ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विदेशी मेहमान भाग लेते हैं, जहां भारतीय सेना के शौर्य और भारतीय संस्कृति की छाकियां निकाली जाती है. यह परेड राजपथ पर होती है. आइए जानते हैं पहली परेड कैसी थी और कहां हुई थी…
बता दें कि 26 जनवरी 1950 की पहली गणतंत्र दिवस परेड, राजपथ पर न होकर इर्विन स्टेडियम (नेशनल स्टेडियम) में हुई थी. इस तस्वीर में डॉ भीमराव अंबेडकर और अन्य वरिष्ठ नेता हैं, जो कि पहली परेड में भाग ले रहे हैं.
राजपथ पर साल 1955 में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड शुरू हुई और उसके बाद से हर साल राजपथ पर परेड हो रही है. इस तस्वीर में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू हैं और विदेशी मेहमान इंडोनेशिया के राष्ट्र प्रमुख हैं.
यह तस्वीर साल 1952 की है, जिसमें मशीन का चिन्ह भी शामिल किया गया था.
1955 के बाद से अब तक आठ किलोमीटर की दूरी तय करने वाली यह परेड रायसीना हिल से शुरू होकर राजपथ, इंडिया गेट तक जाती है. (फोटो 1952 की परेड की है)
परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति (सैनिकों के लिए एक स्मारक) जो राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित है पर पुष्प माला डालते हैं. इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है. (फोटो 1952 की परेड की है)
भारत के आजाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरम्भ कर दिया. संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवम्बर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है. (फोटो 1952 की परेड की है)
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