हाल ही में आईएमए ने केरल के स्वास्थ्य मंत्री को नोटिस भेजा है. केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा द्वारा कोविड-19 को रोकने में होमो-मेडिसिन की क्षमता पर दिए गए हालिया बयान से चर्चा शुरू हो गई है. भले ही केरल सरकार ने अप्रैल में कोविड-19 निवारक दवा के रूप में सभी परिवारों को होमो-मेडिसिन’ आर्सेनिकम एल्बम 30सी ‘ का मुफ्त वितरण शुरू कर दिया है, लेकिन यह स्वास्थ्य मंत्री पर टिप्पणी की है, और इस बात को लेकर जमकर बहस छिड़ गई है . कोझिकोड में होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के नए भवन के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने जिला चिकित्सा अधिकारी (होम्योपैथी) पठानमठीटा जिले के डॉ बीजू कुमार द्वारा किए गए अध्ययन की ओर इशारा किया गया.
अध्ययन के अनुसार, ‘ आर्सेनिकम एल्बम 30C ‘ प्रतिरक्षा बढ़ाने और वायरस के संक्रमण को रोकने में प्रभावी है . कोविड-19 रोकथाम में होमियो ड्रग की भूमिका के पक्ष में मंत्री की टिप्पणी के तुरंत बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), केरल चैप्टर की तीखी आलोचना हुई . आईएमए के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री के बयान से जनता में गलत संदेश जाएगा क्योंकि अध्ययन में वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं.
हालांकि होम्योपैथिक एसोसिएशन इस बात की पुष्टि करती है कि आईएमए दवा की अन्य धाराओं से पूर्वाग्रह से ग्रसित है. उनके मुताबिक, होमियो दवाएं कोविड-19 के खिलाफ बेहतर निवारक हैं क्योंकि वे प्रतिरक्षा को बढ़ावा देंगी . पैंथलम नगर पालिका में क्षेत्र में दो लोगों के जीका वायरस के पॉजिटिव जांचे जाने के बाद जुलाई में दो वार्डों में 2000 से अधिक लोगों को होमियो इम्युनिटी बूस्टर दवा वितरित की गई थी. मरीजों की प्राथमिक संपर्क सूची में 107 लोगों को क्वारंटाइन कर दवा दी गई. छह दिन बाद 107 प्राथमिक संपर्कों के नमूनों का टेस्ट किया गया जिनकी रिपोर्ट्स नेगिटिव आई.
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