बिहार में शराबबंदी लागू करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर राज्य में दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान की शुरुआत की. हालांकि, नीतीश कुमार के इस अभियान पर उन्हीं के सरकार के सहयोगी बीजेपी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर ने सवाल खड़े कर दिए हैं. दहेज प्रथा और बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा बनाए जा रहे कानून का सीपी ठाकुर ने विरोध किया है.
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सीपी ठाकुर ने कहा है कि दहेज प्रथा पर रोक लगाने के लिए जो कानून बनाया जा रहा है, उसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. ठाकुर ने आशंका जताई कि दहेज प्रथा कानून बनने के बाद ना केवल उसका दुरुपयोग होगा, बल्कि कई निर्दोष लोग भी इसमें फंस सकते हैं. ठाकुर का मानना है कि दहेज कानून का इस्तेमाल दूल्हे और उसके परिवार वालों को बेबुनियाद आरोप लगाकर फंसाने के लिए किया जा सकता है.
बीजेपी सांसद सीपी ठाकुर ने मांग की है कि नीतीश सरकार को दहेज प्रथा के खिलाफ बनाए जा रहे कानून पर एक बार फिर से पुनः विचार करना चाहिए और इसके प्रावधानों लेकर समीक्षा करनी चाहिए ताकि इसका दुरुपयोग ना हो.
वहीं दूसरी तरफ, आज आरा के चंदवा गांव में स्वामी रामानुजाचार्य महाराज की 1000 वी जयंती के उपलक्ष में जो कार्यक्रम का आयोजन किया गया है उसको लेकर सीपी ठाकुर ने कहा कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच साझा करना चाहिए था.
गौरतलब है कि आरा के चंदवा गांव में हो रहे इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आज पटना पहुंच रहे हैं और सीधे चंदवा गांव के लिए रवाना होंगे. दिलचस्प बात यह है कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा इस तरीके से तैयार की गई है कि नीतीश कुमार और मोहन भागवत का एक दूसरे से आमना-सामना नहीं होगा.
नीतीश कुमार जहां इस कार्यक्रम में दिन के 12 बजे शिरकत करेंगे, वहीं मोहन भागवत इस कार्यक्रम में शाम 4 बजे शामिल होंगे. बीजेपी सांसद सी पी ठाकुर ने कहा कि जब नीतीश ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाया है तो फिर उन्हें आरएसएस प्रमुख के साथ मंच साझा करने से परहेज नही करना चाहिए.
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