भगवान शिव से जुड़े आज तक आपने कई चमत्कारों के बारे में सुना होगा लेकिन आज हम आपको भगवान शिव का एक ऐसा चमत्कार बताने जा रहे हैं जिसे आपने आज तक नहीं सुना होगा. अमरनाथ की पवित्र गुफा की अमरकथा के बारे में कई सारी बातें की जाती है लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आखिर क्यों भगवान शिव ने पार्वती को यह कथा सुनाई थी, दरअसल इसके पीछे एक गहरा रहस्य है.
पार्वती का पहला जन्म दक्ष की पुत्री के रूप में हुआ था इसके बाद सती ने ही दूसरा जन्म हिमालयराज के यहां पार्वती के रूप में लिया. एक बार पार्वती जी ने शंकरजी के गले में नरमुंड माला के रहस्य के बारे में जानने की कोशिश की. उन्होंने भगवान शिव से पूछा कि आपके गले में नरमुंड माला क्यों है?’
इस दौरान भगवान शिव ने पार्वती से कहा कि जितनी बार तुम्हारा जन्म हुआ है उतने ही मुंड मैंने धारण किए हैं. इसके बाद पार्वती ने कहा कि मेरा शरीर नाशवान है, मृत्यु को प्राप्त होता है, परंतु आप अमर हैं. इसके बाद पार्वती ने भी इस रहस्य को जानने की कोशिश की. शिव के मना करने के बावजूद पार्वती जिद पर अड़ी रही और फिर भगवान शिव ने पार्वती को इस रहस्य के बारे में बताने का फैसला कर लिया.
इस दौरान शिव ने कहा कि अमरकथा सुनाते वक्त कोई अन्य जीव इस कथा को न सुने इसीलिए भगवान शिव पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, वायु, आकाश और अग्रि) का परित्याग करके इन पर्वतमालाओं में पहुंच गए और अमरनाथ गुफा में भगवती पार्वतीजी को अमरकथा सुनाने लगे.