पूर्वोत्तर के नगालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है. दोनों राज्यों के 59-59 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है. त्रिपुरा में मतदान हो चुके हैं. इन राज्यों के नतीजे 3 मार्च को आएंगे. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए पूर्वोत्तर के तीन राज्य के चुनावी नतीजे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कांग्रेस के लिए जहां पूर्वोत्तर में अपने वजूद को बचाए रखने की चुनौती है, तो वहीं बीजेपी के लिए वैचारिक जीत का लोहा मनवाना है.
ये 10 महत्वपूर्ण कारण
1. मेघालय में कांग्रेस पिछले 10 साल से सरकार में है. ऐसे में सत्ता को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है.
2. पूर्वोत्तर में कांग्रेस के पास सिर्फ दो राज्य बचे हैं. इनमें मिजोरम और मेघालय है. मेघालय का चुनाव हो रहे हैं और इसी साल के आखिर में मिजोरम विधानसभा चुनाव हैं.
3. नगालैंड में 15 साल तक कांग्रेस की सरकार रही है, लेकिन आज अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रही है. ऐसे कांग्रेस ने सिर्फ 18 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.
4. बीजेपी ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ नारे को लेकर चल रही है, ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए पूर्वोत्तर काफी महत्व वाला चुनाव माना जा रहा है.
5. बीजेपी पूर्वोत्तर में एक के बाद एक राज्य में अपना पैर पसारती जा रही है. ऐसे में ये राज्य काफी अहमियत रखते हैं.
6. असम, मणिपुर और अरुणाचल के बाद बीजेपी की नजर मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा पर नजर है. जिसे बीजेपी जीतने की पूरी कोशिश में लगी है.
7. बीजेपी के लिए सिर्फ चुनावी सत्ता की जीत नहीं बल्कि वैचारिक रूप से भी जीत होगी. इसीलिए बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दिया है.
8. मेघालय में, मुख्यमंत्री मुकुल संगमा दो मोर्चों पर संघर्ष कर रहे हैं – पार्टी में आंतरिक असंतोष और बीजेपी से बाहरी चुनौती का सामना.
9. मेघालय जहां ईसाई बाहुल्य क्षेत्र है, तो वहीं नगालैंड आदिवासी बाहुल्य.ऐसे में बीजेपी के लिए विपरीत हालत में जीत मिलती है तो काफी महत्वपूर्ण है.
10. पूर्वोत्तर में कांग्रेस के जनाधार में बीजेपी लगातार सेंधमारी करने में जुटी है. ऐसे में कांग्रेस को जहां अपना वजूद बचाए रखने के लिए जीतना अहम है तो वहीं बीजेपी के लिए अपने जनाधार को बढ़ाने की चुनौती है.