टोपी के रंग को लेकर हिमाचल में खूब राजनीति होती रही है। इसका ताजा उदाहरण केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की मौजदूगी में सामने आया। पीटरहॉफ शिमला में विभिन्न स्वास्थ्य प्रोजेक्टों को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सम्मान का दौर चल रहा था।किडनी कांड: गंगोत्री अस्पताल के बारे में खुला ये बड़ा राज, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप…
कौल सिंह ठाकुर भी मैरून टोपी को लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सम्मानित करने को उठे। उन्होंने टोपी सीएम को पहनानी चाही तो सीएम ने इसे पहनने से इंकार किया।
इस पर कौल सिंह ठाकुर ने टोपी वीरभद्र के हाथ में दी तो उन्होंने मंच पर किनारे में फेंक दी। लोग पहेलियां बूझा रहे थे कि टोपी मैरून रंग की थी। हो सकता है कि सीएम ने इसलिए किनारे कर दी हो।
प्रोग्राम से जल्द निकल जाने पर मुख्यमंत्री बोले कि इस कार्यक्रम का उन्हें सुबह पता चला। उनके कसुम्पटी और सिरमौर में भी कई कार्यक्रम पहले से प्रस्तावित हैं, इसलिए जल्द निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में चाहे यूपीए की सरकार रही या अब एनडीए की है, हिमाचल को हमेशा मदद मिलती रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ जिन योजनाओं का लोकार्पण किया है, उनके धरातल पर आने से निश्चित तौर पर प्रदेश को फायदा होगा। प्रदेश सरकार ने शिमला, टांडा, नाहन में मेडिकल कालेज खोले हैं। इसके बाद नए मेडिकल कालेजों के लिए केंद्र ने मदद का आश्वासन दिया, तो उसकी प्रक्रिया पूरी की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष को लेकर उनका मत वही है, जो हमेशा रहा है। मैं 6 बार सीएम रह चुका हूं, 5 बार पीसीसी अध्यक्ष रहा हूं। ऐसे में अगर मैं किसी बदलाव की बात करता हूं, तो उसका निश्चित तौर पर कोई अर्थ होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव के चलते सभी का भविष्य दांव पर है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि इन सभी परियोजनाओं पर 610 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। शिलान्यास की इस प्रक्रिया में चंबा में ठाकुर सिंह भरमौरी, स्थानीय विधायक बीके चौहान, नाहन में पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक डा. राजीव बिंदल, कांगड़ा में परिवहन मंत्री जीएस बाली, अजय महाजन, पूर्व विधायक राकेश पठानिया, ऊना में सांसद अनुराग ठाकुर,
मंडी में सांसद रामस्वरूप शर्मा, आबकारी मंत्री प्रकाश चौधरी, घुमारवीं में राजेश धर्माणी, बिलासपुर में बंबर ठाकुर आदि मौजूद रहे। इन सभी ने पीटरहॉफ में वीडियो कांफ्रेंसिंग से केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से संवाद स्थापित कर शिलान्यास पटिट्का का अनावरण किया।
सात मातृ एवं शिशु खंडों का शिलान्यास
डा. वाईएस परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज नाहन में 50 बिस्तर, डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय टांडा में 200 बिस्तर, नागरिक अस्पताल नूरपुर में 50, क्षेत्रीय चिकित्सालय बिलासपुर में 50, नागरिक चिकित्सालय सुंदरनगर में 50, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में 50 और क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में 100 बिस्तरों के खंडों का शिलान्यास किया गया।
टर्शरी कैंसर केयर सेंटर नेरचौक
मंडी के नेरचौक में 45 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किए जा रहे टर्शरी कैंसर केयर सेंटर का शिलान्यास किया गया। रेडियोथेरेपी की सुविधा सहित इसमें 50 बिस्तरों का विभाग होगा। इसमें कैंसर रोगियों का इलाज होगा।
जीएनएम नर्सिंग प्रशिक्षण विद्यालय टांडा
मेडिकल कॉलेज टांडा में जीएनएम नर्सिंग प्रशिक्षण विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। इस सेंटर की कुल लागत 12.56 करोड़ रुपये की है। इसका केंद्र सरकार ने प्रावधान किया है। इसकी पहली किस्त 3.76 करोड़ रुपये की जारी की गई है।
इंडोर ब्लॉक घुमारवीं
नागरिक अस्पताल घुमारवीं में 50 बिस्तरों के इंडोर ब्लॉक का शिलान्यास किया गया। ये 10.09 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा।
शिलान्यास के बाद उठकर चले गए सीएम
पीटरहॉफ में इस ऑनलाइन शिलान्यास के बाद सीएम वीरभद्र सिंह उठकर ये कहते हुए चले गए कि उन्हें किसी कार्यक्रम में जाना है। वीरभद्र सिंह ने मंच को उस वक्त छोड़ दिया, जब उनका भाषण होने वाला था। इससे पीटरहॉफ के सभागार में थोड़े समय के लिए सन्नाटा रहा।
नेताओं ने ही उतरवा दिए कार्यकर्ताओं की पटके
बीजेपी के कार्यकर्ता कंधों पर पटके डाले हुए यहां पहुंचे तो बडे़ नेताओं को ही इन्हेें सभागार के भीतर उतरवाना पड़ा। उन्हें ये कहना पड़ा कि ये सरकारी कार्यक्रम है। माना जा रहा था कि नड्डा के इर्द-गिर्द भाजपा के टिकटों के कई नए-नवेले तलबगार भी मंडरा रहे थे।
बावजूद इसके कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर वित्तीय लाभ नहीं मिल रहे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार ने कर्मचारियों को 4-9-14 का लाभ वर्ष 2009 में दिया था, लेकिन 2006 से 4-9-14 का लाभ देने के दावे करने वाले कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2012 में आधा अधूरा लाभ प्रदान किया।
इस तरह के छलावे करने वाली सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं। कहा कि केंद्र सरकार से नाहन, चंबा और हमीरपुर के लिए स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों के लिए 190-190 करोड़ रुपये का बजट मिला। बावजूद इसके सरकार हमीरपुर मेडिकल कॉलेज को शुरू नहीं कर पाई।
अगर भूमि के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से क्लीयरेंस न मिलने की वजह है तो अस्थाई तौर पर इसे हमीरपुर स्कूल में कक्षाएं शुरू की जा सकती थीं। स्कूल के अलावा भी उन्होंने कई अन्य भवनों का प्रदेश सरकार को सुझाव दिया था। सरकार के हालातों का सबको पता है।
बीते कल मुख्यमंत्री ने गत दिवस कहा था कि परिवहन मंत्री जीएस बाली जाएं, जहां जाना है। उसके जवाब में आज परिवहन मंत्री ने जवाब दिया कि अगर निकालना चाहें तो निकाल दें। धूमल ने कहा कि अपनी अपनी लड़ाई में सीएम और मंत्री लगे हैं। किसी को जनता की समस्याओं की कोई फिक्र नहीं है।