देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में पुलिस के कुछ अधिकारी पैसे लेकर एनकाउंटर करने को राजी हो जाते हैं. ये चौंकाने वाला खुलासा इंडिया टुडे/आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है. जब से ये खुलासा हुआ है पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है. और अब ये मामला देश की संसद तक पहुंच गया है.
सोमवार देर शाम जब आजतक ने ये खुलासा किया तो तुरंत बाद यूपी पुलिस के डीजीपी ने आरोपी 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था. अब मंगलवार को समाजवादी पार्टी, राजद और कांग्रेस इस मुद्दे को लोकसभा में उठाएंगे. समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर ने कहा कि फेक एनकाउंटर का मुद्दा काफी गंभीर है, हम इसके बारे में सदन में चर्चा करेंगे. सपा के अलावा राजद के जय प्रकाश यादव, कांग्रेस की ओर से राजबब्बर और पीएल पुनिया इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे.
खुलासे में क्या…?
प्रमोशन, पैसा और पब्लिसिटी…ये तीनों हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश के सारे नहीं, तो कुछ पुलिस अधिकारी शार्ट कट के तौर पर फर्जी मुठभेड़ों का रास्ता अपनाने के लिए भी तैयार लगते हैं. इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने अपनी जांच के दौरान पाया कि योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान मुठभेड़ों में मरने वालों का आंकड़ा 60 से ऊपर पहुंच गया है.
इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम की जांच से सामने आया कि यूपी पुलिस के कुछ सदस्य झूठे मामलों में निर्दोष नागरिकों को फंसा रहे हैं और फिर उन्हें फर्जी मुठभेड़ों में शूट कर रहे हैं. ये सब तरक्की और दूसरों से पैसा लेकर किसी को ठिकाने लगाने के इरादे से किया जा रहा है.
यूपी पुलिस ने लिया एक्शन
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने तीन आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के साथ ही मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. इंडिया टुडे की जांच पर प्रदेश पुलिस में शीर्ष स्तर पर तेजी से कदम उठाया गया.
आगरा के एसएसपी अमित पाठक ने टेप पर निर्दोष नागरिकों के साथ फर्जी मुठभेड़ के लिए तैयार होने की बात कहने वाले तीन पुलिस अधिकारियों के तत्काल प्रभाव से निलंबन का ऐलान किया है. पाठक ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि पुलिस फोर्स में कोई भी अपने निहित स्वार्थ के लिए कार्य मानदंडों के विपरीत जाता है और झूठे मामलों में निर्दोष नागरिकों को फंसाता है तो उसके साथ सख्ती से पेश आना चाहिए.’ विभागीय जांच एडिशनल एसपी को दे दी है