हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों में बेहद खास वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा का पर्व आज 26 मई को मनाया जा रहा है. पंचांग के अनुसार हर साल यह वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा का पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. चूंकि इसी तिथि को महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था इस लिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं.
बन रहें हैं दो शुभ योग:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के इस पावन पर्व पर चतुर्ग्रही योग बन रहा है. चतुर्ग्रही योग का अर्थ है कि वृषभ राशि में चार ग्रहों का होना. इस अवसर पर ये चार ग्रह -बुध, सूर्य, शुक्र और राहु का एक साथ होने से जहां कई समस्याओं से राहत मिलेगी, तो वहीं प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा इस दिन दो शुभ योग – सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग भी बन रहें है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये शुभ योग इस दिन को और भी शुभफलदायी बना रहें हैं. इससे इसदिन के स्नान- दान का कई गुना फल प्राप्त होंगें.
पूर्णिमा को करें स्नान –दान
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा जी में स्नान करके दान करने से कई गुणा अधिक फल प्राप्त होते हैं. यदि किसी पवित्र नदी या गंगाजी में स्नान करने के लिए न पहुंच सके तो घर पर गंगा जल मिलाकर स्नान करके जरूरतमंद को दान देने से उसी के बराबर शुभ फल प्राप्त होते हैं. इसके बाद व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ लाभ प्राप्त होता है. मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन तिल और चीनी का दान शुभ होता है. इस दिन चीनी और तिल दान करने से अनजान में हुए पापों से भी मुक्ति मिलती है.
वैशाख पूर्णिमा की शुभ तिथि एवं समय
वैशाख पूर्णिमा की तिथि 25 मई की रात 08 बजकर 29 मिनट से शुरू हो गई है. जो आज 26 मई दिन बुधवार की शाम 04 हजकर 43 मिनट तक रहेगी.