मंगलवार को गुरु बृहस्पति अपनी चाल बदलकर उदय हो रहे हैं। ऐसे में सभी मंगल कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। लेकिन जानिए इसका शादियों पर क्या असर होगा।अगर इस प्रकार से आप करेंगे दान, तो कभी नहीं होगा कोई बड़ा नुकसान…
10 अक्तूबर को गुरु पश्चिम में अस्त हुए थे, जो आज यानी मंगलवार को उदय होंगे। हालांकि इसका बाल्यत्व दोष 10 नवंबर तक रहेगा, इसके बाद शुभ कार्य किए जा सकेंगे। वहीं 15 दिसंबर से एक फरवरी तक शुक्रास्त होगा। ऐसे में मकर संक्रांति पर भी इस बार शादी नहीं हो पाएगी।सात नवंबर को प्रात: 11.50 बजे गुरु उदय होंगे। उत्तराखंड विद्वत सभा के पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य भरत राम तिवारी के अनुसार देवगुरु बृहस्पति को विद्या, ज्ञान, धन एवं खाद्य पदार्थों का कारक माना जाता है। गुरु के उदय होने से शुभ परिणामों में वृद्धि होगी, नवीन उद्योग प्रारंभ होंगे। निर्माण कार्यों में तेजी आएगी। स्वर्ण, अनाज एवं दालों के दामों में वृद्धि होगी।
रत्नशास्त्री पंडित विनोद पोखरियाल के अनुसार नवंबर माह में मंगल-शनि के दृष्टि संबंध एवं गुरु-शुक्र योग होने से देश के उत्तरी राज्यों में दिक्कतें पैदा होंगी। गुरु अस्त होने के 28 दिन बाद उदय होता है। उदय के 128 दिन बाद वक्री होता है। वक्री के 120 दिन बाद मार्गी होता है।128 दिन बाद पुन: अस्त हो जाता है। वहीं 15 दिसंबर को प्रात: 11.20 पर शुक्र पूर्व में अस्त होकर दो फरवरी वर्ष 2018 को पश्चिम में उदित होगा। 12 से 14 दिसंबर तक शुक्र वार्धक्य दोष एवं 2 से 5 फरवरी तक शुक्र बाल्यत्व दोष व्याप्त रहेगा।
15 दिसंबर को सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश के साथ खरमास (पौष) प्रारंभ हो जाएगा, जिसका समापन 13 जनवरी को होगा। लेकिन शुक्रास्त के कारण जनवरी में विवाह आदि के शुभ मुहूर्त नहीं मिलेंगे। शुक्रोदय के बाद 5 फरवरी से ही विवाह आदि के शुभ मुहूर्त मिल सकेंगे। इसके पश्चात वैशाखी पर 14 अप्रैल को विवाह के दिन यानी लग्न प्रारंभ होंगे। आगे 16 मई से 13 जून तक ज्येष्ठ माह मलिन मास होने पर इस अवधि में विवाह नहीं होंगे।
ये हैं विवाह के मुहूर्त
नवंबर- 19, 20, 21, 23, 24, 25, 28, 29, 30
दिसंबर- 1, 3, 4, 10, 11, 12
फरवरी (2018)- 5, 6, 7, 10, 18, 19, 20, 21, 23, 24
मार्च- (2018)- 2, 3, 5, 6, 7, 8, 12