आठ महीने तक अंतरिक्ष में रहेंगी सुनीता विलियम्स, दिला रहीं कल्पना चावला की याद

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी बुश विल्मोर के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर फंसी हैं। उनको अंतरिक्ष में दो महीने से ज्यादा बीत गया है। वहीं अब नासा ने उनको वापस लाने के लिए 2025 की फरवरी का समय तय किया है। इस बीच सुनीता विलियम्स ने एक और भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री रहीं कल्पना चावला की याद दिला दी है।

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी बुश विल्मोर के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर फंसी हैं। उनको अंतरिक्ष में दो महीने से ज्यादा बीत गया है। वहीं, अब नासा ने उनको वापस लाने के लिए 2025 की फरवरी का समय तय किया है। इसी के साथ वह अंतरिक्ष में आठ महीने रहेंगी। इस बीच सुनीता विलियम्स ने एक और भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री रहीं, कल्पना चावला की याद दिला दी है।

कल्पना चावला ने भारतीय मूल की पहली अंतरिक्ष यात्री बनकर रचा था इतिहास
कल्पना चावला एक भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और इंजीनियर थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बनकर इतिहास रचा दिया था। उन्होंने दो अंतरिक्ष शटल मिशनों पर उड़ान भरी पहली 1997 में एसटीएस-87 और दूसरी 2003 में एसटीएस-107।

कल्पना चावला की मृत्यु ने नासा को गहरा घाव दिया
दुख की बात है कि कल्पना चावला का जीवन तब समाप्त हो गया जब एक फरवरी, 2003 को अंतरिक्ष शटल कोलंबिया पुनः प्रवेश के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे उनकी और चालक दल के छह अन्य सदस्यों की मृत्यु हो गई। कोलंबिया दुर्घटना से पहले, 28 जनवरी, 1986 को अंतरिक्ष यान चैलेंजर में विस्फोट हो गया था और सभी चालक दल मारे गए थे। कुल मिलाकर, इन दुर्घटनाओं में 14 अंतरिक्ष यात्रियों की जान चली गई है। कल्पना चावला की मृत्यु ने नासा को गहरा घाव दिया है।

पूर्व अंतरिक्ष यात्री ने जताई चिंता
नेल्सन ने कहा कि अंतरिक्ष उड़ान अपने सबसे सुरक्षित और सबसे नियमित होने पर भी जोखिम भरी है। एक परीक्षण उड़ान, स्वभाव से, न तो सुरक्षित है और न ही नियमित। बुच और सुनीता को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर रखने और बोइंग के स्टारलाइनर को चालक दल के बिना घर लाने का निर्णय सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का परिणाम है।

कल्पना चावला की दक्षिणी अमेरिका के आसमान में उस समय मृत्यु हो गई जब निर्धारित लैंडिंग से 16 मिनट पहले अंतरिक्ष यान कोलंबिया और उसका दल पुनः प्रवेश के दौरान टूट गए। वह 1976 में कल्पना की प्रारंभिक पढ़ाई हरियाणा के करनाव के टैगोर बाल निकेतन में हुई। कल्पना जब आठवीं कक्षा में पहुचीं तो उन्होंने इंजीनियर बनने की इच्छा प्रकट की और 1982 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीएससी की डिग्री हासिल की। ​​

1997 में अपनी पहली उड़ान के लिए चुनी गईं
अमेरिका में आगे की शिक्षा पूरी करने के बाद वह 1994 में एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में नासा में शामिल हुईं। कल्पना जी मार्च 1995 में नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल हुईं और वे 1997 में अपनी पहली उड़ान के लिए चुनी गयीं थी।

ये है चिंता
स्पेसएक्स अंतरिक्ष यात्रियों को वापस ला सकता है, लेकिन इसके लिए उन्हें फरवरी तक वहीं रखा जाएगा। अगर नासा यह निर्णय लेता है कि स्पेसएक्स से दोनों की वापसी होगी तो स्टारलाइनर सितंबर में खाली पृथ्वी पर लौट आएगा। इंजीनियर पांच खराब थ्रस्टरों में से चार को आनलाइन ठीक करने में सक्षम हो गए थे, लेकिन यह अब भी पृथ्वी पर सफलतापूर्वक लौट पाएगा या नहीं इसे लेकर चिंता है।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com