आतंकवाद से पीडि़त रहे राजौरी जिले के एक किसान परिवार में जन्म लेने वाला बच्चा अपनी मेहनत से न सिर्फ ‘शिक्षक श्री’ बनने में सफल रहा बल्कि उसने उन गांवों में जाकर बच्चों को पढ़ाया जहां शिक्षक जाने से कतराते थे। सरकार ने उनके इस जज्बे को सलाम किया और उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
सुंदरबनी के रहने वाले गोविंद शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूलों में ही हुई। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए जम्मू आ गए। ग्रेजुएशन, गणित विषय में एमएससी और बीएड करने के बाद गोविंद की वर्ष 2002 में शिक्षा विभाग में नियुक्ति हुई। उनकी पहली नियुक्ति ही आतंकवाद ग्रस्त बुद्धल क्षेत्र में हुई। उस समय इस क्षेत्र में बहुत कम शिक्षक जाना पसंद करते थे, लेकिन गोविंद घबराए नहीं और पहले हाई स्कूल तरेडृ़ और फिर मिडिल स्कूल डलेरी में नियुक्त हुए।
डलेरी स्कूल को उस समय आतंकियों ने निशाना बनाया था। लोग भी अपने बच्चों को स्कूलों में नहीं भेजते थे। उन्होंने क्षेत्र में जाकर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और लोगों में नया विश्वास पैदा किया। इससे क्षेत्र में रहने वालों में उम्मीद बंधी और उन्होंने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू किया।
बुद्धल शिक्षा विभाग की हार्ड जोन में आता है और यहां पर एक शिक्षक को अधिकतम एक से दो साल तक ही नियुक्त किया जाता है, लेकिन गोविंद पूरे सात साल तक इस क्षेत्र में रहे। उन्होंने क्षेत्र में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इस दौरान हिजबुल मुजाहिदीन ने गोविंद शर्मा को एक धमकी भरा पत्र लिखा। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट पर उन्हें जम्मू भेज दिया गया।
जम्मू में उनकी नियुक्ति हरि सिंह हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई। उनका कहना है कि सात साल आतंकवादग्रस्त क्षेत्र में रहना एक चुनौती थी। मगर उनका सपना था कि वह शिक्षक बनें। सपना पूरा हुआ और उस समय ऐसे स्थान पर पहली नियुक्ति हुई, जहां बच्चों को उनकी सख्त जरूरत थी। बस यही जुनून उन्हें वहां ले गया।
एनसीसी में अव्वल
वर्ष 2009 में गोविंद शर्मा नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के टीचर बने। अपने समय के ए ग्रेड के साथ सी सर्टिफिकेट लेने वाले गोविंद ने हरि सिंह हायर सेकेंडरी स्कूल में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उन्होंने यहां के एनसीसी कैडेटों के साथ मेहनत की और वर्ष 2012 में प्रधानमंत्री रैली में जम्मू के कैडेटों को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान दिलाया। यह रैली गणतंत्र दिवस के दो दिन बाद होती है। इसमें प्रधानमंत्री के अलावा थल सेना, वायु सेना और जल सेना तीनों के प्रमुख आते हैं। इस समय एनसीसी में गोविंद थर्ड ऑफिसर के रैंक पर हैं।
शिक्षक दिवस पर मिलेगा सम्मान
वर्ष 2016 में शिक्षक दिवस पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करने के बाद गोविंद शर्मा को वर्ष 2017 में राष्ट्रीय शिक्षा रत्न अवार्ड मिला। इस साल शिक्षक दिवस पर दिल्ली में आयोजित हो रहे शिक्षक सम्मेलन में उन्हें शिक्षक श्री सम्मान मिलेगा। देशभर से 131 शिक्षकों को यह सम्मान दिया जा रहा है। इस पुरस्कार के लिए देशभर से 10 हजार शिक्षकों के आवेदन आए थे, मगर सिर्फ 131 को ही चुना गया है। गोविंद शर्मा का कहना है कि अभी उन्हें शिक्षक के तौर पर 16 साल का अनुभव है। उनका प्रयास रहता है कि विद्यार्थियों को अधिक से अधिक समय दिया जाए
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features