सलाउद्दीन ने पिछले कई सालों से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) की कमान संभाली हुई है। अब उसे कश्मीर केंद्रित ऑपरेशन्स में हिजबुल की घटती भागीदारी और दूसरे आंतकी संगठनों की बढ़ती महत्वकांक्षाओं की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उसने खुद आतंक के उस संगठन को छोड़ने की इच्छा जताई है जो केवल कश्मीर में संचालित होता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा और मौलाना मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद सहाउद्दीन के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। आईएसआई के ऊपर सलाउद्दीन को हटाने के लिए लश्कर और जैश कड़ा दबाव बना रहे हैं। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार लश्कर और जैश ने सलाउद्दीन के कमांडर जैसे कि आमिर खान, इम्तियाज आलम और कुछ अन्य को उसके खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया है।
हिजबुल का यह मुखिया, संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवादी सूची में शामिल है। वह पिछले कई सालों से पाकिस्तानी सेना द्वारा बनाई गई यूजेसी की कमान संभाले हुए है। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार हिजबुल के कुछ लोग भी सलाउद्दीन के खिलाफ गुटबाजी कर रहे हैं।
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