इस्लामाबाद: भारत और अन्य देशों के दबाव में आकर पाकिस्तान को आखिरकार आतंकी संगठन जमात उद दावा और उसके सहयोगी संगठन फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन को बैन करना पड़ा। जमात उत दावा मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का संगठन है। पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम 1997 के तहत यह कार्रवाई की है।
सोमवार तक एनसीटीए की वेबसाइट पर इन संगठनों को निगरानी संगठनों की सूची में रखा गया था। इसके बाद मंगलवार को ही इन्हें प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाला गया है। इससे पहले पाकिस्तान आतंकी मसूद अजहर के भाई और बेटे समेत 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले खबर आई थी कि जमात उद दावा और इसकी इकाई फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन को इमरान खान की सरकार ने प्रतिबंधित नहीं किया है बल्कि इन्हें निगरानी संगठनों की सूची में रखा गया है।
दरअसल पाकिस्तान सरकार के राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण की वेबसाइट के मुताबिक जेयूडी और एफआईएफ संगठन आतंकवाद रोधी अधिनियम 1997 की दूसरी अनुसूची की धारा 11डी 1 के तहत गृह मंत्रालय की निगरानी में हैं। यह वेबसाइट सोमवार को ही अपडेट हुई थी।
एनसीटीए की वेबसाइट कहती है कि जेयूडी और एफआईएफ को निगरानी में रखने वाले संगठनों की सूची में डालने की अधिसूचना 21 फरवरी को जारी की गई है दरअसल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमले के बाद आतंकी समूहों पर लगाम लगाने के वैश्विक दबाव बढऩे के बीच पाकिस्तान सरकार ने 21 फरवरी को जेयूडी और एफआईएफ को प्रतिबंधित करने का ऐलान किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मियों की मौत हो गई थी।