प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना आत्मनिर्भर भारत पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है. कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकार को यूनिवर्सिटी स्तर पर रिसर्च और डेवलपमेंट की सुविधा को बढ़ाना, अन्यथा राष्ट्र आत्मनिर्भर नहीं हो सकता.
कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा कि हमारा रिसर्च और डेवलपमेंट खर्च जीडीपी का महज 0.7 फीसदी है, जबकि इजरायल में 4.6 फीसदी, कोरिया में 4.5 फीसदी, जर्मनी में 3 फीसदी और फ्रांस में 2.2 फीसदी खर्च रिसर्च और डेवलपमेंट पर किया जाता है. हमें इसे और बढ़ाने की जरूरत है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत और कुछ नहीं बल्कि खुद को धोखा है. यह एक और जुमला है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की विश्व प्रतिस्पर्धात्मक रैंकिंग में भारत 10 रैंक फिसल गई है. प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ भारतीय मूल के हैं. हम उनके बारे में मुखर हो सकते हैं, लेकिन हमारे स्थानीय के बारे में क्या?
कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा को सरकार नहीं देख सकती. मेक इन इंडिया के तहत मोबाइल फोन का निर्माण यहां नहीं किया जाता है, लेकिन असेंबल किया जाता है. सिर्फ 30 फीसदी काम किया जाता है.
कांग्रेस ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकार के पास नीति नहीं है, यह केवल एक नारा है. इससे स्पष्ट है कि सरकार लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सक्षम नहीं है. बेहतर है कि अब लोग अपने दम पर आत्मनिर्भर बनें. राज्य सरकारें केंद्र से पैसा मांग रही हैं. अगर केंद्र के पास पैसा नहीं है तो भारत आत्मनिर्भर कैसे होगा.
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