आधार को मोबाइल नंबर और बैंक खातों समेत अन्य योजनाओं से लिंक करने की डेडलाइन फिलहाल बढ़ा दी गई है. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में आधार अथॉरिटी यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने बताया कि बायोमैट्रिक के अलावा आधार ऑथेंटिकेशन के अन्य विकल्पों पर भी विचार करना होगा. इससे पहले यूआईडीएआई आधार डाटा को सुरक्षित करने के लिए दो नई सुविधाएं लाने की घोषणा कर चुका है.
वर्चुअल आईडी:
यूईडीएआई हर आधार कार्ड की एक वर्चुअल आईडी तैयार करने की सुविधा लाने वाली है. इससे आपको जब भी अपनी आधार डिटेल कहीं देने की जरूरत पड़ेगी, तो आपको 12 अंकों के आधार नंबर की बजाय 16 नंबर की वर्चुअल आईडी देनी होगी.
यूआईडीएआई ने कहा था कि 1 मार्च से यह सुविधा आ जाएगी. हालांकि फिलहाल इसको लेकर कोई भी बात यूआईडीएआई की तरफ से नहीं हुई है. हालांकि यूआईडीएआई ने इसे जून से अनिवार्य करने की बात कही थी. ऐसे में देखना होगा कि यह सुविधा जून तक भी आ पाती है या नहीं. 1 जून से सभी एजेसियों को इसे लागू करने के लिए व्यवस्था करना अनिवार्य होगा. इसके बाद कोई भी एजेंसी वर्चुअल आईडी स्वीकार करने से इनकार नहीं कर सकती है.
इसके अलावा आधार डाटा को सिक्योर रखने के लिए उसने फिंगरप्रिंट, आइरिस ही नहीं, बल्कि अपने चेहरे का भी इस्तेमाल वेरीफिकेशन के लिए करने की सुविधा लाने की बात कही है. यूआईडीएआई ने जनवरी महीने में ही इसकी घोषणा कर दी थी.
अथॉरिटी के मुताबिक आधार कार्ड होल्डर की पहचान वेरीफाई करने के लिए 1 जुलाई के बाद फेस फोटो का इस्तेमाल भी किया जा सकेगा. यूआईडीएआई ने बताया कि यह सुविधा उन लोगों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होगी, जिनका फिंगरप्रिंट और आइरिस ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है.
सबसे अच्छी बात यह है कि इस फीचर को एक्टिव करने के लिए आपको एनरोलमेंट सेंटर नहीं जाना होगा. अथॉरिटी अपने डाटाबेस से आपका फेस फोटो लेकर एक्टिवेट करेगी. उसके बाद आप जब चाहें तब इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं. यूआईडीएआई का कहना है कि इस सुविधा की बदौलत न सिर्फ आम लोगों को बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि इससे आधार डाटा की सुरक्षा भी कई गुना बढ़ेगी.