स्टार कास्ट: रणबीर कपूर, परेश रावल, मनीषा कोइराला, दिया मिर्ज़ा, सोनम कपूर, अनुष्का शर्मा आदि।
निर्माता: विधु विनोद चोपड़ा
निर्देशक: राजकुमार हिरानी
अवधि : 2 घंटे 41 मिनट
अमूमन बायोपिक जब बनती है तो आम लोग उसके बारे में कम जानते हैं तो उसमें एक सरप्राइज एलिमेंट होता है। ‘संजू’ के बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि संजय दत्त के बारे में पूरा हिन्दुस्तान जानता है। वो एक बड़े अभिनेता हैं, उनके तमाम फैंस उनके जीवन में आए उतार-चढ़ाव से परिचित हैं। ऐसे में यह एक मुश्किल फ़िल्म इसलिए भी थी कि जो बातें पब्लिक डोमेन में है, उनके अलावा इस फ़िल्म में और क्या नया किया जाए? जिस तरह से राजू हिरानी ने इस फ़िल्म को ट्रीट किया है, जिस तरह से उन्होंने फ़िल्म का नरेशन रखा है, वो बहुत ही रोचक और काबिले-तारीफ है।
इस तरह की बायोग्राफी जिसमें ड्रग्स भी है, वुमेनाइज़र भी है, आतंकवाद भी है, जेल भी है यानी जिस फ़िल्म का या ज़िंदगी का 60 प्रतिशत हिस्सा जो है वो विवादित रहा हो, ऐसे में फ़िल्म को एक रोचक अंदाज़ में पेश करना और साथ ही साथ कंटेंट के साथ ईमानदार रहते हुए आगे बढ़ना ये एक बहुत बड़ा चैलेंज था और इसे बड़े पर्दे पर बखूबी दर्शाने में राजकुमार हिरानी सफल हुए हैं।
अभिनय की बात करें तो रणबीर कपूर हर फ़िल्म में अपने अभिनय के लिहाज से एक के बाद एक अपने आदर्शों का प्रतिमान खुद स्थापित करते हैं। जैसे कि वो खुद अपने अभिनय की शिखर तय करेंगे। ‘संजू’ में उनके जीवन का अभी तक का बेस्ट अभिनय देखने को मिलता है। रणबीर ने इस फ़िल्म में अपने आप के लिए एक नया आयाम स्थापित किया है, ऐसे में उन्हें अब अपनी अगली फ़िल्म में इससे बड़ी लकीर खींचनी होगी। एक अभिनेता के रूप में वो पूरी तरह से सफल हुए हैं। उनकी जितनी तारीफ की जाए, वो कम है।
इसके अलावा विक्की कौशल ने बहुत कमाल का परफॉरमेंस दिया है। साथ ही परेश रावल भी सुनील दत्त के किरदार में बहुत शानदार नज़र आए हैं। हालांकि, उनकी थोड़ी सी गुजराती वाली पंजाबी खटकती है लेकिन, फिर भी इमोशनल सीन्स में वो पूरी तरह से छा जाते हैं। इसके अलावा दिया मिर्ज़ा, अनुष्का शर्मा, मनीषा कोइराला भी अपने-अपने किरदारों में जंचे हैं।
फ़िल्म के सिनेमेटोग्राफी की बात करें तो वो कमाल की है। म्यूजिक एवरेज है लेकिन, कुछेक गाने बढ़िया हैं। जितनी मुश्किल राजकुमार हिरानी और रणबीर कपूर के लिए रही उतनी ही मुश्किल स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले के लिहाज से अभिजात जोशी के लिए भी रही, जो उन्होंने बखूबी अंजाम दिया है! यह फ़िल्म आपको हंसाती है, रुलाती है, आंखें नम करती है, गुदगुदाती है और कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह बहुत ही कमाल की फ़िल्म है और यह फ़िल्म ज़रूर देखी जानी चाहिए।