ऑफिस में टारगेट पूरा करने की टेंशन हो या फिर कॉम्पिटिशन में बने रहने का फीयर, ये सभी टेंशन कहीं न कहीं आपके अंदर छिपे आत्मविश्वास को कम करती रहती हैं। जिसकी वजह से एक समय ऐसा आता है जब आपको लगने लगता है कि आप लाइफ में आने वाली मुश्किलों का सामना नहीं कर पाएंगे। ऐसे वक्त में दो खास ऐसे योगासन हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।
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आत्मविश्वास बढ़ाकर डर को दूर भगाने वाले इन आसनों का नाम वीरभद्रासन और वृक्षासन हैं। वीरभद्रासन करने से मन शांत रहता है। यह पाचन को बढ़ावा देने के साथ मन से डर और चिंता को भी दूर करता है। जबकि वृक्षासन एकाग्रता और ध्यान बढ़ाने के लिए किया जाता है।
वीरभद्रासन करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद अपने दाएं पैर को आगे ले जाते हुए अपने दाएं घुटने को हल्का-सा मोड़ दें। ध्यान रखें कि ऐसा करते समय आपका बाएं पैर को सीधा रहे । इसके साथ ही पैर का तलवा जमीन से लगा हुआ हो। इसके बाद गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। ऐसा करते समय अपने कंधों को आरामदायक स्थिति में रहने दें। दोनों कानों को अपने कंधे के पास न आने दें। अपनी सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए पूर्वावस्था में आ जाएं।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद अपने दोनों पैरों को एक दूसरे से कुछ दूरी पर रखते हुए अपने हाथों को ऊपर उठाएं। ऐसा करते समय अपने हाथों को सीधा करके हथेलियों को आपस में मिला दें। इसके बाद दाहिने पैर के घुटने को मोड़ते हुए उसके तलवे को बाईं जांघ पर टिका दें। इस स्थिति के दौरान दाहिने पैर की एड़ी गुदा द्वार-जननेंद्री के नीचे टिकी होगी। बाएं पैर पर संतुलन बनाते हुए हथेलियां, सिर और कंधे को सीधा एक ही सीध में रखें।
वृक्षासन का अभ्यास उन व्यक्तियों को नहीं करना चाहिए जिनके घुटनों और एड़ियों में बहुत दर्द रहता हो। जबकि जिन्हें हाइपरटेंशन, उच्च रक्तचाप या हृदय की समस्या हो ऐसे व्यक्ति वीरभद्रासन न करें।