
आम हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक है, लक्षणों को पहचानना भी हो जाता है मुश्किल
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो कर रहे हैं। इससे कई बीमारियां भी बढ़ रही हैं। उन्हीं में से हार्ट अटैक की समस्या भी एक है।साइलेंट हार्ट अटैक भी नॉर्मल हार्ट अटैक का दूसरा रूप है। इसके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती जिसमें लक्षण हल्के होते हैं या दिखाई नहीं देते।
हार्ट अटैक एक आम समस्या बन चुकी है।
साइलेंट हार्ट अटैक भी काफी आम हो चुका है।
इसके लक्षण आसानी से पहचान में नहीं आते हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत का सही ढंग से ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारी तो मानो आम हो गई है। हार्ट अटैक की बात करें तो पहले ये बुजुर्गों में ही देखने को मिलती थी, लेकिन अब ये समस्या कम उम्र वालों में भी देखने को मिल रही है।
नॉर्मल हार्ट अैटक के बारे में तो सभी बात करते हैं, लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक के बारे में लोगों को उतनी जानकारी नहीं है। सब साइलेंट हार्ट अटैक पड़ता है तो सामने वाले को भनक तक नहीं लग पाती। इसे मायोकार्डियल इन्फार्क्शन भी कहा जाता है। आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको साइलेंट हार्ट अटैक के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं-
साइलेंट हार्ट अटैक क्या होता है?
साइलेंट हार्ट अटैक में वैसे तो कोई लक्षण नहीं नजर आते, जैसे आमतौर पर हार्ट अटैक में दिखते हैं। कई बार इसके हल्के-फुल्के लक्षण होते हैं या ऐसे लक्षण होते हैं जिनको लोग हार्ट अटैक से जोड़कर नहीं देखते। इसी वजह से इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है। लेकिन ये भी उतना ही नुकसान पहुंचाता है जितना कि एक नॉर्मल हार्ट अटैक। कई बार तो लोगों को ये पता ही नहीं चलता कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ है। अक्सर हफ्तों या महीनों बाद टेस्ट में जाकर पता चलता है।
आपको बता दें कि हार्ट अटैक तब होता है जब दिल तक खून और ऑक्सीजन सही से नहीं पहुंच पाता है। ज्यादातर मामलों में ये खून की नसों में खून का थक्का बनने से होता है। कुछ मामलों में नसों में ऐंठन या चोट की वजह से भी खून का बहाव रुक सकता है। हार्ट अटैक दिन में या नींद में, कभी भी हो सकता है। ये तब भी हो सकता है जब आप अचानक ज्यादा स्ट्रेस में हों या हैवी वर्कआउट कर रहे हों।
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण
आमतौर पर हार्ट अटैक में सीने में तेज दर्द होता है, जो आराम करने या दवा लेने से भी नहीं रुकता है। लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक में लक्षण हल्के होते हैं या बिल्कुल नहीं होते। इस वजह से लोग समझ नहीं पाते कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ है। इसके लक्षण कई बार ऐसे लगते हैं जैसे-
जैसे आपको फ्लू हो गया हो।
सीने या पीठ के ऊपरी हिस्से में मसल्स का दर्द।
जबड़े, हाथों या पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द।
बहुत ज्यादा थकान।
अपच महसूस होना।
नॉर्मल हार्ट अटैक के लक्षण
सीने में दर्द जो कई मिनट तक रहे
सांस लेने में तकलीफ
चक्कर आना
सिर हल्का लगना
ठंडा पसीना आना
मतली या उल्टी
बिना कारण थकान रहना
साइलेंट हार्ट अटैक क्यों होता है?
इसका सबसे बड़ा कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज है। इसमें खून की नसों में कोलेस्ट्रॉल की परत यानी कि जम जाती है, जिससे खून का रास्ता मोटा हो जाता है। अगर इस पर खून का थक्का बन जाए तो ब्लड सर्कुलेशन पूरी तरह से रुक जाता है। समय पर इलाज न मिले तो दिल की मसलस भी खराब हो सकती हैं।
किन लोगों को होता है ज्यादा खतरा?
कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स और आपकी आदतें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा देती हैं, जैसे-
वजन ज्सादा होना
व्यायाम न करना
हाई ब्लड प्रेशर
हाई कोलेस्ट्रॉल
ज्यादा नमक, ऑयली और स्पाइसी फूड खाना
हाई ब्लड शुगर
स्ट्रेस लेना
स्मोकिंग
परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास होना
45 साल से ज्यादा उम्र के पुरुष
55 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं
मेनोपॉज के बाद की महिलाएं