बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर आयकर विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है. मनी लॉन्डरिंग मामले में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, दोनों बेटियों चंदा यादव और रागिनी यादव, एक अन्य बेटी मीसा भारती और उसके पति शैलेश की बेनामी संपत्तियां सील होंगी.अभी-अभी: नोएडा के बिल्डर्स को CM योगी का Ultimatum, तीन माह में ग्राहकों को दें घर
जब्त होने वाली संपत्तियों में लालू के परिवार द्वारा संचालित दो कंपनियां, डीलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के 9 प्लांट और एके इनफोसिस्टम के तीन प्लांट भी शामिल हैं.
इन दोनों कम्पनियों में बेनिफिसरीज राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव हैं। उल्लेखनीय है कि डिलाईट मार्केटिंग प्राईवेट लिमिटेड जलापुर दानापुर में बिहार का सबसे बडा मॉल बना रही थी. मॉल को मेरेडियन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बना रही थी जिसके एम डी सैय्यद अब्दु दोजाना है और वो आरजेडी के विधायक भी है.
इस कम्पनी के जमीनों की बुक वैल्यू 1.9 करोड़ रुपये थी, जबकि मार्केट वैल्यू 65 करोड आंकी गई. वहीं एके इन्फोसिस्टमस तीन प्लांट का बुक वैल्यू 1.6 करोड़ रुपये था, जबकि उनकी मार्केट वैल्यू 20 करोड़ रुपये आंकी गई.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सोमवार को लालू प्रसाद और उनके परिवार वालों की कुल 165 करो़ड़ रुपये की संपत्तियां जब्त करने का अंतिम आदेश जारी किया था. हालांकि आयकर विभाग ने अब तक जब्त की जाने वाली संपत्तियों पर कोई नोटिस नही लगाया है.
बिहार में सत्तारूढ़ जदयू का कहना है कि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद को इन बेनामी संपत्तियों का स्रोत बताना चाहिए.
जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सवाल उठाया कि गरीबों की राजनीति करने वाले लालू प्रसाद के पास ये बेनामी सम्पत्तियां आईं कहां से? उन्होंने कहा कि सीबीआई इन बेनामी जमीनों की जांच कर रही है कि रेलवे का ठेका देने के एवज में कैसे इन जमीनों का मालिकाना हक डिलाईट कम्पनी को बेच दिया गया.
सीबीआई इस सिलसिले में लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी को नोटिस भी भेज चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य का हवाला देकर लालू और तेजस्वी सीबीआई की पूछताछ में शामिल होने नहीं पहुंचे.