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टैक्स रियायत में भी उतनी राहत नहीं दी गई है जितनी की उम्मीद थी। उन्होंने कहा है कि देश के गरीब, मजदूर और सैलरी वर्ग को बजट से निराशा हाथ लगी है। उस आम आदमी को भी कुछ नहीं मिला है जिसने नोटबंदी के कदम को सफल बनाने में भरपूर साथ दिया था।
तो लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश मित्तल ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि बजट में लघु उद्योग को मिली रियायत स्वागत के योग्य है।
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उन्होंने कहा कि 50 लाख के टर्न ओवर वाली कंपनियों का प्रत्यक्ष कर 30 प्रतिशत से 25 किया गया है। इस 5 प्रतिशत की छूट से लघु उद्योग को बडी राहत मिलेगी। मुद्रा योजना की राशि को बढ़ाकर 2.44 लाख करोड़ किए जाने से भी लघु उद्योग को फायदा होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने कंपनियों के ऑन लाईन छंटनी की पुरानी मांग को भी स्वीकार किया है। तो नीजि लोगों को दी गई कर रियायत भी स्वागत योग्य कदम है।
किसान नेता अजय काकरा ने बजट को सकारात्मक बताया है। इससे कृषि क्षेत्र खेती पर और फोकस रहेगा। क्रेडिट, बीमा योजना, सिंचाई परियोजनाओं और ई-नाम सरीखे योजनाओं से देश की खेती को दिशा मिलेगी। और किसानों की आय दोगुनी होने में मदद मिलेगी।
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