भोपाल । छात्रों से जुड़े लंबित मामलों को सुलझाने के लिए राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ऑनलाइन फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू करने जा रहा है। इसके माध्यम से विवि के अधिकारियों को यह जानकारी रहेगी कि कोई भी फाइल किब से पेडिंग हैं। इससे संबंधितों को तत्काल तलब किया जा सकता है।
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अब तक विश्वविद्यालय में विभिन्न् कामों की फाइलें मैनुअली एक अधिकारी से दूसरे के पास जाती हैं। ऐसी स्थ्ािति में कई बार बहुत से मामले महत्वपूर्ण होने के बावजूद पेंडिंग हो जाते हैं। इस कारण विवि की लेटलतीफी का सीधा खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है। गौरतलब है कि विवि में डिग्री और मार्कशीट के अनेक मामले एक-एक साल से पेंडिंग हैं। इसी तरह विभिन्न् विभागों की मांग आदि को लेकर भी फाइलें महीनों तक अटकी रहती हैं।
पहला विवि बनेगा आरजीपीवी
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अब तक किसी भी सरकारी विश्वविद्यालय में ऑनलाइन फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू नहीं है। विवि के अधिकारियों ने बताया कि नए शिक्षण सत्र से यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इसके तहत प्रत्येक फाइल के मूवमेंट और उसके स्टेटस की जानकारी कुलपति, कुलसचिव और अन्य संबंधित आधिकारी ऑनलाइन देख सकते हैं।
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अधिकारी होंगे जवाबदार
खास बात यह है कि इसमें अधिकारियों की भी जवाबदेही तय रहेगी। किसी अधिकारी ने कितने समय तक अपने पास फाइल रखी इसका ब्यौरा भी ऑनलाइन फाइल ट्रेकिंग सिसटम में रहेगा। अगर अधिकारी ज्यादा समय तक किसी फाइल का निपटारा नहीं करते तो उन्हें इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा।
ऐसा करेगा काम
आरजीपीवी के अधिकारियों के मुताबिक ऑनलाइन फाइल ट्रेकिंग सिस्टम के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर बनवाया जाएगा। इसी के साथ इसमें विभिन्न् फाइलों की विभागों के मुताबिक श्रेणी रहेगी। जैसे अतिमहत्वपूर्ण, महत्वपूर्ण, सामान्य आदि।
इसी के साथ विभिन्न् शाखाओं जैेसे परीक्षा, गोपनीय, अकादमिक आदि की जानकारी भी पृथक-पृथक रहेगी। जानकारी के मुताबिक फाइलों का जो भी मूवमेंट होगा उसका स्टेटस संबंधितों को अपने इस सिस्टम में भी डालना होगा। इसके लिए ई-मेल अकाउंट की तरह लॉगिन और पासवर्ड दिए जाएंगे। इसी के साथ कौन सी फाइल कब से पेंडिंग हैं, किसके पास है आदि की जानकारी भी इस सिस्टम में उपलब्ध रहेगी।