लखनऊ , 24 अक्टूबर। आलमबाग इलाके में रहने वाले आरपीएसएफ के जवान पुष्पेंद्र सिंह व उसकी पत्नी प्रियंका के शव सरकारी क्वाटर में मिले। दरवाजा तोड़कर आरपीएसएफ और पुलिस की टीम अंदर पहुंची तो देख कि सारा सामान बिखरा हुआ था। बेड पर प्रियंका का खून से लथपथ शव पड़ा था। उसके गले पर चाकू से वार के कई घाव थे। वहीं पुष्पेंद्र का शव पंखे में गमछे के सहारे लटका हुआ था। पुलिस को घटना स्थल से एक चाकू भी मिला है। पुलिस का मानना है कि प्रियंका की हत्या के बाद पुष्पेंद्र ने फांसी लगाकर जान दे दी।
पुलिस ने दोनों ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। मूल रूप से बिजनौर जनपद निवासी पुष्पेद्र सिंह आरपीएसएफ लखनऊ की थर्ड बटालियन में कांस्टेबल के पर तैनात था। पुष्पेन्द्र के पिता सेवानिवृत्त फौजी वेद प्रकाश ने बताया कि पुष्पेन्द्र की शादी बीते वर्ष 10 मार्च को उत्तराखंड के रहने वाले चेतराम की बेटी प्रिंयका से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही दोनों लोग आलमबाग के तेजीखेड़ा इलाके में आरपीएसएफ के सरकारी क्वाटर में रह रहे थे। वेद प्रकाश ने पुलिस को बताया कि शनिवार दोपहर को पुष्पेंद्र ने कॉल करके उनको बताया कि छुट्टी मिल गयी और वह पत्नी के साथ दीपावली पर घर आ रहा था। इसके बाद रात में उसने दोबारा कॉल की थी। उसने रोते हुए कहा कि पिता जी माफ कर दीजिएगा, दीपावाली पर घर हीं आ पाऊंगा। प्रिंयका आने से मना कर रही है। इसके बाद पुष्पेन्द्र ने फोन रख दिया। पिता को भेजे मेसेज में लिखा अब न मैं रहूंगा और न तो ये रहेगी वेद प्रकाश ने बताया कि कॉल कट होने के कुछ ही देर बाद ही पुष्पेंद्र का एक मैसेज उनके मोबाइल पर आया। मैसेज में उसने लिखा था कि अब न मैं रहूंगा और न तो ये रहेगी। प्लीज पिता जी मुझे माफ कर देना। मैजेस मिलने के तुरंत बाद ही वेद प्रकाश ने पुष्पेंद्र को कई कॉल की पर मोबाइल स्विच ऑफ था। उन्होंने प्रियंका का मोबाइल पर फोन किया पर वह भी बंद जा रहा था। इसके बाद वेद प्रकाश ने सीआरपीएफ के दिल्ली हेड आफिस फोन किया और पूरी बात बतायी। वहां से आरपीएसएफ लखनऊ को कॉल करके पुष्पेंद्र का हाल पता करने के निर्देश दिए गये। कुछ ही देर के बाद आरपीएसएफ व आलमबाग पुलिस की
टीम पुष्पेन्द्र के क्वार्टर पहुंच गयी। पुष्पेंद्र के क्वाटर का दरवाजा अंदर से बंद था। खटखटाया पर भी कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़ और अंदर पहुंची तो अंदर का मंजर देख पुलिस व आरपीएफ के लोग सन्न रह गये। घर के अंदर का सारा सामान बिखरा पड़ा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे दोनों पति-पत्नी के बीच मारपीट हुई हो। बिस्तपर पर प्रियंका का खून से लथपथ शव था। पास में ही चाकू पड़ा था। बेड व जमीन पर खून बिखरा हुआ था। प्रियंका के गले पर चाकू से वार के कई घाव थे। वहीं पुष्पेंद्र का शव पंखे में गमछे के सहारे लटक रहा था। छानबीन के बाद पुलिस ने इस बात की सूचना पुष्पेन्द्र के परिवार वालों को दी। छानबीन के बाद पुलिस ने दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इंस्पेक्टर आलमाबाग ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि पुष्पेन्द्र चाकू से पत्नी हत्या करने के बाद खुद फांसी लगाकर जान दे दी। शादी के बाद दोनों के बीच चल रही थी अनबन प्रियंका के भाई मुकेश ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद पति-.पत्नी में अक्सर झगड़ा होते रहते थे। दोनों ही परिवार वालों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह लोग ऐसा कदम उठा लेंगे। पुष्पेन्द्र के परिवार वालों का कहना है कि पुष्पेन्द्र ने कभी उन लोगों से अपनी पारिवारिक दिक्कत की बात नहीं बतायी थी। अगर दोनों पति-पत्नी में से किसी ने कुछ बताया होता तो वह लोग दोनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कर देते। कोई चर्चा की होती तो वह समाधान निकालते। दोनों को समझाते।
टीम पुष्पेन्द्र के क्वार्टर पहुंच गयी। पुष्पेंद्र के क्वाटर का दरवाजा अंदर से बंद था। खटखटाया पर भी कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़ और अंदर पहुंची तो अंदर का मंजर देख पुलिस व आरपीएफ के लोग सन्न रह गये। घर के अंदर का सारा सामान बिखरा पड़ा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे दोनों पति-पत्नी के बीच मारपीट हुई हो। बिस्तपर पर प्रियंका का खून से लथपथ शव था। पास में ही चाकू पड़ा था। बेड व जमीन पर खून बिखरा हुआ था। प्रियंका के गले पर चाकू से वार के कई घाव थे। वहीं पुष्पेंद्र का शव पंखे में गमछे के सहारे लटक रहा था। छानबीन के बाद पुलिस ने इस बात की सूचना पुष्पेन्द्र के परिवार वालों को दी। छानबीन के बाद पुलिस ने दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इंस्पेक्टर आलमाबाग ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि पुष्पेन्द्र चाकू से पत्नी हत्या करने के बाद खुद फांसी लगाकर जान दे दी। शादी के बाद दोनों के बीच चल रही थी अनबन प्रियंका के भाई मुकेश ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद पति-.पत्नी में अक्सर झगड़ा होते रहते थे। दोनों ही परिवार वालों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह लोग ऐसा कदम उठा लेंगे। पुष्पेन्द्र के परिवार वालों का कहना है कि पुष्पेन्द्र ने कभी उन लोगों से अपनी पारिवारिक दिक्कत की बात नहीं बतायी थी। अगर दोनों पति-पत्नी में से किसी ने कुछ बताया होता तो वह लोग दोनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कर देते। कोई चर्चा की होती तो वह समाधान निकालते। दोनों को समझाते।