आर्थराइटिस…कहने को तो यह 40 साल के बाद होता है, लेकिन आज की जीवनशैली के चलते, इसकी चपेट में 35 से ऊपर के लोग भी हैं। यह ज़्यादातर महिलाओं को होता है, लेकिन पुरुष भी इसके शिकार होते हैं। इसमें जोड़ों का दर्द होता है और उस अंग पर सूजन भी आ जाती है। हालांकि, इसके ट्रीटमेंट के लिए पेन-किलर्स का इस्तेमाल होता है, लेकिन रिसर्च कहती है कि अगर डाइट में वो चीज़ें खाई ही न जाएं, जिनसे सूजन और जोड़ों का दर्द हो, तो इसे कंट्रोल में लाया जा सकता है। वैसे तो आर्थराइटिस 100 तरह का है, लेकिन सबसे ज़्यादा होते हैं- ऑस्टियो आर्थराइटिस और रुमेटॉयड आर्थराइटिस। जहां ऑस्टियो आर्थराइटिस का वार अक्सर उंगलियों, घुटनों और हिप्स पर होता है, वहीं रुमेटॉयड आर्थराइटिस हाथों और पैरों को दर्द से जकड़ लेता है। ऐसे में इन अंगों को दर्द के कारण हिलाने में भी दिक्कत होती है। अगर कोई फैमिली हिस्ट्री हो तो, इसका रिस्क ज़्यादा हो जाता है। इसका कोई पक्का इलाज तो नहीं है, लेकिन इसे प्रॉपर मेडिकेशन और डाइट की मदद से कंट्रोल किया जा सकता है।
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आर्थराइटिस के संकेत:
जोड़ों में दर्द
लाली
सूजन
अंगों का काम न करना
अकड़न
ट्रीटमेंट:
आराम करना
ठंडी या गर्म सिकाई
वज़न कम करना
एक्सरसाइज़
जॉएंट रिप्लेसमेंट
इसके अलावा, ये हैं 5 फूड्स जिन्हें आर्थराइटिस के रोगियों को खाने से बचना चाहिए।
तला हुआ या पैकेज्ड फूड
रिसर्च के मुताबिक अगर डाइट में तला हुआ और पैकेज्ड खाना जैसे- फ्राइड मीट, फ्रोज़न वेजिटेबल्स नहीं ले जाएं और इनकी जगह फ्रेश फ्रूट्स और वेजिटेबल्स खाए जाएं, तो सूजन और दर्द को कम किया जा सकता है।
ओवर-हीटिड फूड
साल 2009 में हुई एक स्टडी में सामने आया की आर्थराइटिस के रोगियों को ओवर-हीटिड और ग्रिल्ड खाना खाने से भी बचना चाहिए। यानी खाने को ज़्यादा टेम्परेचर पर नहीं बनाना चाहिए।
शुगर
ज़रूरत से ज़्यादा कोई भी चीज़ शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है, फिर चाहे वो पानी हो, नमक या चीनी। ज़्यादा मीठा खाने से भी सूजन बड़ सकती है। इसलिए कोशिश करें कि अपनी डाइट से केक, सोडा, चॉकलेट, मैदा आदि आउट कर दें।
डेयरी प्रोडक्ट्स
कहने को तो दूध, दही शरीर के लिए लाभदायक हैं। इनसे कैल्शियम मिलता है। लेकिन आर्थराइटिस के शिकार लोगों की हेल्थ के लिए ये बिलकुल भी हेल्दी नहीं है। रिसर्च में पाया गया है कि इन डेयरी प्रोडक्ट्स में कोई ऐसा प्रोटीन होता है जो जोड़ों का दर्द तेज़ करता है। ऐसे में शरीर में प्रोटीन की कमी दूर करने के लिए, मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स की जगह पालक, टोफू, बीन्स और दाल ज़्यादा से ज़्यादा खानी चाहिए।
अल्कोहल और टबैको
शराब और तंबाकू शरीर के लिए बेहद हानिकारक हैं। इनसे जोड़ों का दर्द तो तेज़ होता ही है, साथ ही शरीर को कई खतरनाक बीमारियां भी लग सकती हैं। हेल्दी जाएंट्स के लिए ज़रूरी है बैलेंस्ड डाइट, एक्सरसाइज़ और रेस्ट।
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