इंटरनेशनल महिला क्रिकेट में विकेट कीपिंग करने वाली नुजहत परवीन महिला क्रिकेट का एमएस धोनी कहा जाने लगा है। महिला क्रिकेटर और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी में काफी समानताएं हैं। छोटे से गांव से निकली नुजहत ने फुटबाल में गोल्ड मेडल हासिल किया।
न चाहते हुए भी क्रिकेट में दस्तक दी। फिर ऐसी कड़ी मेहनत की कि आज वह बेटियों के लिए मिसाल बनी हुई हैं। रेलवे की तरफ से खेलने पर उन्हें भी धोनी की तरह जर्सी नंबर सात मिली जो काफी चर्चा का विषय बनी रही। रविवार को आईआईटी में आयोजित ‘उद्घोष-2017’ के शुभारंभ पर आईं नुजहत ने अपने अनुभव साझा किए।
मध्य प्रदेश के सिंघौली गांव से निकली नुजहत देश स्तर पर परचम लहरा रही है। वर्ष 2016 से क्रिकेट टीम में पहुंचने वाली महिला खिलाड़ी टीम की कप्तान मिताली राज को अपना आदर्श मानती हैं। उनका कहना है कि गली क्रिकेट खेलती रहती थी लेकिन क्रिकेट से ज्यादा फुटबाल में रुचि थी। फुटबाल में गोल्ड मेडल भी हासिल किया। वर्ष 2011 में जिलास्तरीय क्रिकेट टीम में 11 लड़कियां पूरी न होने पर सेक्रेटरी ने टीम में शामिल होने का अनुरोध किया।
वहां शामिल होने के बाद जिला स्तरीय, राज्यस्तरीय और रेलवे के लिए क्रिकेट खेला। चयनकर्ताओं ने वर्ष 2016 में टी-20 के लिए चयनित किया। हाल ही में इंग्लैंड में हुए महिला वर्ल्ड कप का हिस्सा रही यह महिला क्रिकेटर अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पिता (मशी आलम), मां (नसीमा बेगम) और स्कूल के सेक्रेटरी विजयानंद को देती हैं। अब वे क्रिकेट के माध्यम से देश का नाम रोशन करना चाहती है। ऐसी ही दास्तां एमएस धोनी की भी है। सिंघौली में इंटरमीडिएट करने के बाद अब वह स्नातक मुंबई यूनिवर्सिटी से कर रही है।
– धोनी और महिला क्रिकेटर में हैं काफी समानताएं
– उन्होंने फुटबाल छोड़ क्रिकेट में किया है डेब्यू
– उन्होंने फुटबाल छोड़ क्रिकेट में किया है डेब्यू