इंसानों में ही ये आदत नहीं…मैं भी मजबूर हूं भाई!
ओप्पा… गंगनम स्टाइल! नाचना हमें भी आता है जनाब।
लगता है किसी इंसान को देख लिया….पटरियों पर बैठे हुए…
आज खाना कुछ ज्यादा ही खा लिया। अब थोड़ा आराम हो जाए।
आओ जरा प्यार कर लें….पूंछ वाले भी किसी से कम नहीं!
अरे रुक जा यार। मुझे तो अपने साथ लेता जा।
उप्स! कुछ ज्यादा ही मुंह में भर लिया। अब क्या करूं!
तेरे को मैं ही मिला था ये झिंगालाला करने के लिए।
ये ढाई किलो का हाथ। हैंडपंप न सही, चलो इसे ही उखाड़ लेता हूं।
माया मिली ना राम… एक मछली मिली थी वो चकमा दे गई! मिला तो बस कंकड़।