तीन तलाक बिल भले ही राज्य सभा की देहरी नहीं लांघ पाया हो। बावजूद इसके इस बिल को संसद में पेश किए जाने के चलते यह शीतकालीन सत्र इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। तीन तलाक और जीएसटी संशोधन बिल पास नहीं होने के साथ शुक्रवार को शीत सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि इस दौरान लोकसभा ढमें कुल 12 और राज्यसभा में नौ बिल पारित हुए। वहीं लोकसभा में 14 घंटे 51 मिनट और राज्यसभा में 41 घंटे हंगामें की भेंट चढ़ गए। सत्र के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
उच्चसदन में अल्पमत होने पर सरकार इस शीत सत्र में भले ही तीन तलाक बिल को पास नहीं करा पाई हो, लेकिन दोनों सदनों में इस बिल को पटल पर रखना और लोकसभा में इसे पारित कराना ही इस सत्र और सरकार की बड़ी उपलब्धि बन गया है। बहुमत में होने के चलते निचले सदन में सरकार को बिलों को पारित कराने में कोई दिक्कत नहीं आई। यहां कुल 16 बिल रखे गए जिसमें 12 पारित हो गए।
इनमें तीन तलाक, जीएसटी संशोधन, केंद्रीय सड़क निधि, दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता संशोधन, जज वेतन व सेवा शर्त संशोधन बिलों का पारित होना प्रमुख है। हालांकि लोकसभा में ओबीसी संविधान संशोधन बिल पेश होने के बावजूद पास नहीं हो सका। राज्यसभा में नौ बिल पास हुए, लेकिन तीन तलाक बिल सदन की संपत्ति बनकर रह गया और जीएसटी संशोधन बिल भी पास नहीं हो पाया।
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