आखिर इसमें गलत क्या है…
”इस रिश्ते में रहते हुए जो एक बात समझ आई वो ये कि आप जिंदगी तो किसी के भी साथ बिता सकते हैं, लेकिन जी उसी के साथ सकते हैं जो आपके साथ तो रहे, लेकिन आप में घुसे नहीं। लोगों को हमारी संतुलित जिंदगी बड़ी अजीब लगती है। समझ ही नहीं आता कि दो सहेलियां हैं, अपना खा रही हैं, रह रही हैं। न तो किसी से कुछ मांगती हैं, न कहती हैं, अपने में रहती हैं। इसमें गलत क्या है… ये अजीब क्यों है?”